UP Tourism Department में उप निदेशक प्रीति श्रीवास्तव पर शासकीय कार्यों में लापरवाही, उदासीनता और शिथिलता दिखाने के आरोप लगे हैं। राज्यपाल के निर्देश पर लापरवाही के कथित आरोप की जांच पर्यटन निदेशक करेंगे। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल ने उन्हें पदेन जांच अधिकारी नामित किया है।
गौरतलब है कि देव दीपावली के अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री जयवीर सिंह वाराणसी में थे। इस मौके पर उप निदेशक प्रीति श्रीवास्तव और पर्यटन सूचना अधिकारी पर दायित्वों के निर्वहन में रूचि नहीं लेने, एक दूसरे पर दोषारोपण करने के फलस्वरूप वाराणसी के पर्यटन विकास पर निगेटिव असर पड़ने, विभाग की छवि धूमिल होने, देव दीपावली के अवसर पर कार्यक्रमों के आयोजन में वित्तीय अनियमितताओं, जैसे आरोप लगे हैं।
उप निदेशक पर विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधि को कार्यक्रम हेतु आमंत्रण पत्र नहीं देने, जनप्रतिनिधियों की जगह व्यवस्था प्रशासनिक अधिकारियों को उपलब्ध कराने, जनप्रतिनिधियों की घोर उपेक्षा और प्रोटोकाल के विपरीत कार्य करने जैसी शिकायतें भी की गयी थीं।
विभागीय आख्यानुसार दोनों कार्मिकों में आपसी सामंजस्य नहीं था, जिससे वाराणसी के देव दीपावली कार्यक्रम के आयोजन में असुविधाएं उत्पन्न हुईं। प्रमुख पर्यटन सचिव मुकेश कुमार मेश्राम (IAS) ने अपने पत्र में लिखा है कि उप निदेशक, पर्यटन में कुशल नेतृत्व का अभाव है। उन्होंने आरोप लगाया कि अपने अधीनस्थ कार्मिक से जिस कुशल नेतृत्व व क्षमता के साथ सामंजस्य बनाकर कार्यक्रम सम्पन्न कराया जाना अपेक्षित था, उसमें प्रीति असफल रहीं। प्रीति श्रीवास्तव के कृत्य से शासकीय कार्यों में लापरवाही, उदासीनता एवं शिथिलता परिलक्षित होती है।