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  • November 21, 2024
  • Last Update November 16, 2024 2:33 pm
  • Noida

UPPCL कर्मचारियों का अल्टीमेटम- बिजलीकर्मियों से हुआ समझौता दो अप्रैल तक लागू करें, कर्मचारी लामबंद, 65 घंटे की हड़ताल से मचा था हड़कंप

UPPCL कर्मचारियों का अल्टीमेटम- बिजलीकर्मियों से हुआ समझौता दो अप्रैल तक लागू करें, कर्मचारी लामबंद, 65 घंटे की हड़ताल से मचा था हड़कंप

UPPCL कर्मचारियों का अल्टीमेटम- बिजलीकर्मियों से हुआ समझौता दो अप्रैल तक लागू करें, कर्मचारी लामबंद, 65 घंटे की हड़ताल से मचा था हड़कंप। दरअसल, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर पिछले दिनों लखनऊ समेत प्रदेश भर में दो दिन के कार्यबहिष्कार और 65 घंटे की हड़ताल करने उतरे अभियंताओं और कर्मचारियों पर पावर कॉरपोरेशन की तरफ से कार्रवाई की गई। तमाम संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया, वहीं कई अभियंताओं को निलंबित कर ट्रांसफर भी कर दिया गया।

गौरतलब है कि बिजलीकर्मियों की पिछले दिनों हुई हड़ताल में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा ने समझौता लागू करने और हड़ताल के दौरान की गई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई खत्म करने के लिए पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम। देवराज को निर्देश दिए थे। इसके बाद बिजली कर्मियों में हड़ताल वापस ले ली थी, लेकिन चेयरमैन इसका पालन नहीं कर रहे हैं। इससे बिजली कर्मियों के हड़ताल वापस लेने के बाद भी ऊर्जा निगमों में टकराव का वातावरण बना है जो जनहित में नहीं है।

यूपी के बिजली संगठन लगातार पावर कॉरपोरेशन से न्याय की मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब बिजली कर्मियों के पक्ष में तमाम कर्मचारी संगठन लामबंद हो गए हैं। मंगलवार को कर्मचारी संगठनों ने धरना प्रदर्शन कर पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन को उत्पीड़न न करने की चेतावनी देते हुए समस्याओं का समाधान करने का अल्टीमेटम दिया। कहा कि आगामी दो अप्रैल तक उत्पीड़नात्मक कार्रवाई वापस न हुई तो प्रान्तव्यापी आन्दोलन के कार्यक्रम घोषित किए जाएंगे।

राज्य, निगम और निकाय कर्मचारी संयुक्त मंच के आह्वान पर मंगलवार को लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जिलों में राज्य कर्मचारियों, अधिकारियों और शिक्षकों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन कर बिजली कर्मियों के साथ एकजुटता दर्शाई। लखनऊ में विरोध, सभा और प्रदर्शन हुआ। वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, झांसी, बान्दा, कानपुर, आजमगढ़, बस्ती, मेरठ, सहारनपुर,गाजियाबाद, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, बरेली, आगरा, अयोध्या, अलीगढ़ और मथुरा में प्रदर्शन हुए। संयुक्त मंच ने चेतावनी दी कि अगर दो अप्रैल तक बिजली कर्मियों पर की गई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई वापस न ली गई तो दो अप्रैल को बैठक कर संयुक्त मंच प्रान्तव्यापी आन्दोलन के कार्यक्रम घोषित कर देगा। इसका दायित्व सरकार का होगा।

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