उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें एक क्षेत्रीय प्रबंधक तो दो सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक शामिल हैं। सहारनपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक और सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक के साथ ही अलीगढ़ के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को कई आरोपों में जिम्मेदार मानते हुए एमडी ने कार्रवाई करते हुए सस्पेंड किया है। तीन अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिए जाने पर परिवहन निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा है।
परिवहन निगम के जनसंपर्क अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति और परिवहन मंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने ये कार्रवाई की है। सहारनपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबन्धक अनिल कुमार को सहारनपुर क्षेत्र के संचालन प्रतिफलों में गिरावट लाने लाभदायिकता में कमी लाने, भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने अधीनस्थ अधिकारियों /उपाधिकारियों/कार्मिकों पर पर्यवेक्षीय नियंत्रण शिथिल रखने, निगम की छवि जनमानस में धूमिल करने, मांगों पर सघन प्रभावी निरीक्षण न करने, निगम को वित्तीय क्षति पहुंचाने के उल्लंघन में अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है।
इसी तरह अलीगढ़ डिपो के तत्कालीन सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक (संचालन) विनोद कुमार शुक्ला को अपने पदीय कर्तव्यों और वादियों का भली भांति निर्वहन न करने, चालक श्रीराम को ड्यूटी पर न लिये जाने के कारण विधिक स्थिति उत्पन्न होने, न्यायालय के समक्ष निगम की छवि धूमिल करने, उच्च न्यायालय में पारित निर्णय से अवगत न कराने, बिना समुचित कारण के चालक से कार्य न लेने, मनमानेपन से कार्य करने और अपने कार्यों में लापरवाही शिथिलता बरतने, मुख्यालय के निर्देशों की अनदेखी करने के उल्लंघन में प्रथम दृष्टया उत्तरदायी पाते हुए निलंबित कर दिया गया है।
इसके अलावा सहारनपुर डिपो के प्रभारी सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक एलके त्रिवेदी के संचालन प्रतिफलों में सुधार के लिए सार्थक प्रयास न करने, प्रतिफलों में गिरावट आने ,डीजल औसत में कमी आने, निगम को हानि पहुंचाने, प्रशासनिक नियंत्रण शिथिल रखने, सहारनपुर डिपो की बस यूपी 11 एजे 0301 में 12 बिना टिकट यात्री पाये जाने और परिचालक के यात्रियों को जाली टिकट दिये जाने, भ्रष्टाचार में संलिप्त रहने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने, मार्गो की सघन चेकिंग न करने, लाभदायकता में कमी लाने, पदीय कर्मणो व दायित्वों का निर्वहन न करने, मुख्यालय के निर्देशों की अवहेलना करने के उल्लंघन समेत गम्भीर आरोपों के प्रथम दृष्टया उत्तरदाई पाते हुए निलंबित कर दिया गया है।