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  • December 6, 2024
  • Last Update November 26, 2024 9:26 pm
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UPSRTC के बस बेड़े में भी इलेक्ट्रिक बसें होंगी शामिल, 200 सिटी बस खरीदने का विचार

UPSRTC के बस बेड़े में भी इलेक्ट्रिक बसें होंगी शामिल, 200 सिटी बस खरीदने का विचार

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) की रोडवेज बसें डीजल से संचालित होती हैं जिनसे प्रदूषण फैलता है। बसें प्रदूषण फैलने का कारण न बनें इसलिए लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की तरह उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम अपने बस बेड़े में इलेक्ट्रिक बसें जोड़ेगा। 200 किलोमीटर के अंदर तक की दूरी के लिए परिवहन निगम प्रशासन इलेक्ट्रिक बसों के संचालन पर विचार कर रहा है। इसी के अध्ययन के लिए रोडवेज के सीनियर अधिकारी पुणे रवाना हो गए हैं। यहां पर जानकारी जुटाने के बाद इलेक्ट्रिक बसों की खरीद करने की तैयारी होगी। 200 सिटी बस खरीदने का परिवहन निगम का विचार है। चार्जिंग प्वाइंट कैसे बनेंगे इसकी जानकारी लेकर अधिकारी वापस लौटेंगे।

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि पुणे में चलने वाली इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा सबसे बड़ा है। ऐसे में रोडवेज के अधिकारी वहां से स्टडी कर मॉडल को लखनऊ में लागू करने की तैयारी करेंगे। रोडवेज की तरफ से प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) अजीत सिंह को पुणे भेजा गया है। यहां वे इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को लेकर आने वाली चुनौतियों की रिपोर्ट बनाएंगे। वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की फ्लीट में 12 हजार के करीब बसें हैं। ये सभी बसें डीजल से संचालित होती हैं। अब सिटी बसों की तर्ज पर इलेक्ट्रिक बसों को संचालित करने की ख्वाहिश है। इससे डीजल पर प्रतिवर्ष खर्च होने वाले करोड़ों रुपए की बचत होगी। इतना ही नहीं पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।

इलेक्ट्रिक बसों से जुड़ेंगे आधा दर्जन शहर

इलेक्ट्रिक बस एक बार चार्ज होने पर 200 किलोमीटर  तक संचालित होती है। ऐसे में अधिकारी पहले चरण में इलेक्ट्रिक बसों को 200 किलोमीटर के ही दायरे में चलाना चाहते हैं। इन बसों का किराया भी साधारण बसों से कम होता है। जिन आधा दर्जन शहरों को सिटी बस से जोड़ा जा सकता है उनमें हरदोई, सीतापुर, अयोध्या, कानपुर, लखीमपुर और गोंडा शामिल हैं।

खर्च करने होंगे करोड़ों रुपए

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। चार्जिंग प्वॉइंट एक बड़ी समस्या है। एक चार्जिंग प्वॉइंट पर 1500 केवी का कनेक्शन लेना होगा, जिसके लिए ढाई करोड़ रुपये तक खर्च होंगे, वहीं एक बस की कीमत भी एक करोड़ के करीब है। कुल मिलाकर इलेक्ट्रिक बसों का संचालन कर पाना निगम के लिए आसान नहीं होगा।

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) अजीत कुमार सिंह का कहना है कि परिवहन निगम की भविष्य में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की योजना है इसके लिए परिवहन निगम प्रशासन की तरफ से पुणे में।इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के अध्ययन के लिए भेजा जा रहा है। यहां पर बसों के संचालन का सर्वे कर रिपोर्ट निगम प्रशासन को सौंपी जाएगी। सब कुछ सही रहा तो जल्द ही रोडवेज बसों के साथ इलेक्ट्रिक बसें भी जुड़ जाएंगी।

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