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  • October 18, 2024
  • Last Update October 5, 2024 3:17 pm
  • Noida

Varanasi Bhagwat Katha: सनातन धर्म को समझने-सीखने का सरल मार्ग, नारद का भक्ति सूत्र अनूठी धरोहर

Varanasi Bhagwat Katha: सनातन धर्म को समझने-सीखने का सरल मार्ग, नारद का भक्ति सूत्र अनूठी धरोहर

Varanasi Bhagwat Katha: सनातन धर्म को समझने-सीखने का सरल मार्ग दिखाता है। व्यास पीठ के आचार्य ने कहा- नारद का भक्ति सूत्र अनूठी धरोहर है। व्यास शिवाकांत महाराज ने साप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिवस पर काशी के रक्षक आदिकेशव के तट पर कृष्ण विवाह के आनंद के साथ सम्पन्न हुआ |

छठे दिवस की कथा में अंतराष्ट्रीय कथा वाचक शिवाकांत महाराज ने श्रीमद् भागवत में नारद और राजा परीक्षित के चरित्र को उल्लेख किया। नारद के भक्ति सूत्र इस दुनिया में भक्तों के लिए अनूठी धरोहर बताते हुए उन्होंने कहा कि जीवन में भागवत सत्संग ही मनुष्य को ईश्वर के ऐश्वर्य को देखने की दृष्टि देता है। ईश्वर हर युग में अपनी अलग-अलग अनुपम छटा बिखेरता है। हम लाभान्वित होते रहते है।

कलयुग में संतों एवं सदगुरुओं का सानिध्य भक्ति के मार्ग द्वारा ईश्वर के चरणों में स्थान मिलता है। श्रीम Varanasi Bhagwat Kathaद्भागवत के साथ कथा व्यास की आरती की।भागवत भक्तों ने श्रीमद् भागवत कथा के साथ भगवान कृष्ण विवाह में आनंद लेकर छठे दिवस की कथा को विराम दिया।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी श्रीकांत शर्मा, स्वामी जितेंद्रानंद महाराज ,स्वामी सत्य देव महाराज हरिद्वार ,स्वामी निरंजन स्वामी महाराज हरिद्वार एवं आध्यात्ममूर्ति स्वामी ओमा द अक् महाराज का मार्गदर्शन रहा गोपाल शंकर उपाध्याय के साथ सैकड़ों की संख्या में गणमान्य भक्त उपस्थित रहे

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