Varanasi Shankaracharya Idol के टूटे विग्रह के कारण चर्चा में था। दशाश्वमेध मार्ग स्थित देढसी के पुल स्थित विश्वनाथ मंदिर प्रवेश द्वार के ऊपर लगी आद्य भगवत्पाद शंकराचार्य के विग्रह का हाथ महीनों से टूटा हुआ था। इसकी जानकारी मिलने पर ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री: अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने दुख प्रकट किया।
मर्माहत और व्यथित ज्योतिष्पीठाधीश्वर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अपने फेसबुक पेज से टूटे विग्रह का तस्वीर शेयर कर रोष प्रकट किया। उनके आदेश पर एक प्रतिनिधिमंडल ने देढसी पुल स्थित आद्य भगवत्पाद के खंडित विग्रह को केसरिया कपड़े से ढक दिया। इस संबंध में विश्वनाथ मंदिर प्रशासन को अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की भावनाओं से अवगत कराया गया।
रविवार होने के कारण किसी जिम्मेदार अधिकारी से संपर्क नहीं किया जा सका। ऐसे में अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने फोन पर विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा से बात कर उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया।
![Varanasi Shankaracharya Idol](https://khaberhindi.com/storage/2023/06/IMG-20230625-WA0005.jpg)
![Varanasi Shankaracharya Idol](https://khaberhindi.com/storage/2023/06/IMG-20230625-WA0005.jpg)
अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की तरफ से प्रस्ताव दिया गया कि आद्य भगवत्पाद के खंडित विग्रह को बदला जाए, या अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को प्रतिमा बदलने की अनुमति दी जाए। इस पर कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा ने बताया कि मामला उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग से जुड़ा है।
उन्होंने आश्वस्त किया कि विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन की तरफ से खंडित विग्रह को ठीक करने का आदेश दे दिया गया है। सोमवार को खंडित विग्रह को ठीक करने की बात कही गई। संजय पाण्डेय ने अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के हवाले से बताया कि खंडित विग्रह के दर्शन से दोष लगता है इसीलिए खंडित विग्रह के बदले जाने तक उसे केसरिया कपड़े से ढका जाए।
इस मामले में संजय पाण्डेय ने एसीपी दशाश्वमेध, अवधेश पाण्डेय से भी फोन पर बात की। संजय की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल में सतीश अग्रहरी, राकेश पाण्डेय, विनीत शंकर गुप्ता आदि लोग भी सम्मलित थे।