West Bengal, विश्वविद्यालयों के 12 पूर्व कुलपतियों ने राज्यपाल सी.वी. आनंदा बोस को कानूनी नोटिस भेजा। बोस सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं। ये 12 पूर्व कुलपति वे हैं जिनसे राज्यपाल ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार इस्तीफा मांगा था, क्योंकि उनकी नियुक्तियां मानदंडों के अनुसार नहीं थीं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि कानूनी नोटिस राज्यपाल को नहीं बल्कि चांसलर को भेजा गया है। उनका तर्क है कि राज्यपाल की टिप्पणी से उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है।
कानूनी नोटिस में इन 12 कुलपतियों ने मांग की है कि राज्यपाल को अपना बयान वापस लेना चाहिए और अगले 15 दिनों के भीतर सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए या अदालत में मानहानि का मुकदमा का सामना करना होगा। उन्होंने राज्यपाल से प्रत्येक के लिए 50 लाख रुपये के मुआवजे की भी मांग की है।
7 सितंबर को गवर्नर ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा था कि उन्हें उन विश्वविद्यालयों के लिए अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति क्यों करनी पड़ी।
Assam के मुख्यमंत्री ने पत्नी पर लगे घोटाले के आरोप का किया खंडन-कही ये बात
राज्यपाल ने सवाल किया, “मुझे इतने सारे राज्य विश्वविद्यालयों के लिए अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति क्यों करनी पड़ी? ऐसा इसलिए कि पिछले कुलपतियों को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार इस्तीफा देना पड़ा था क्योंकि उनकी नियुक्तियाँ मानदंडों के अनुसार नहीं थीं।
मैंने उनसे इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा। शीर्ष अदालत के आदेश के बाद उन्होंने खुद ही इस्तीफा दे दिया। अब आप पूछ सकते हैं कि सरकार द्वारा मनोनीत व्यक्तियों को कुलपति क्यों नहीं नियुक्त किया? इनमें से कुछ नामज़द लोग या तो भ्रष्टाचार में शामिल थे तो कुछ पर छात्राओं को परेशान करने का आरोप था। मैं उन्हें कुलपति कैसे नियुक्त कर सकता हूं?”