Lucknow NCC Girls 20 यूपी गर्ल्स बटालियन के तहत आती हैं। एनसीसी कैडेट्स की भर्ती तीन चरण में पुलिस लाइन लखनऊ में संपन्न हुई। इसमें 14 डिग्री कॉलेजों की लगभग 1200 छात्राओं ने हिस्सा लिया। नामांकन के दौरान छात्राओं में बहुत ही जोश व उत्साह नजर आया। छात्राओं में सेना में हिस्सा लेने का उत्साह चरम पर था। महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने का एनसीसी उचित माध्यम है।
एनसीसी के अधिकारियों ने बताया कि एनसीसी के कैडेटों का चयन उनकी शारीरिक क्षमता, शैक्षिक आहरणता के आधार पर किया जाता है। छात्राओं के चयन के लिए लिखित टेस्ट, दौड़, खेलकूद, उनकी लंबाई और मेडिकल फिटनेस आदि के आधार पर किया गया।
देश के प्रति समर्पण
20 गर्ल्स बटालियन एनसीसी लखनऊ के कमान अधिकारी कर्नल विनोद जोशी ने इन सब मापदंडों में खरे उतरे लगभग 437 छात्राओं को एनसीसी के लिए चयनित किया है। चूकि 20 यूपी गर्ल्स बटालियन लखनऊ के बालिकाओं की बटालियन है जहां मुख्यतया बालिकाओं को तैयार किया जाता है। एनसीसी का अर्थ नेशनल कैडेट कोर हैं जो कैडेटों को सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करता है। छात्राओं में देश के प्रति समर्पण, देश प्रेम की भावना को कूट कूट कर भरने का काम करता है।
सशस्त्र सेना में छात्राओं का करियर
एनसीसी एक ऐसा अवसर है जो छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाता है। जहां देश के युवाओं में चरित्र सहचर्य, नेतृत्व,अनुशासन, धर्म-निरपेक्षता, रोमांच और निस्वार्थ सेवा भाव का संचार करता है। नामांकन के बाद भारतीय सेना के प्रशिक्षकों कॉलेजों में जाकर के छात्राओं को सशस्त्र सेना में करियर बनाने के लिए तैयार करते हैं और उचित वातावरण प्रदान करते हैं।
20 यूपी गर्ल्स बटालियन लखनऊ कैसे बनी
वर्ष 1948 में एनसीसी का गठन किया गया। इसी वर्ष एनसीसी में छात्राओं को भी भागीदारी को देखते हुए एनसीसी के छात्रों की डिवीजन की शुरुआत की गई जिससे स्कूल एवं कॉलेजों की छात्राओं को भी समान अवसर प्रदान हो सके। जो स्वयं के जीवन में और देश के लिए कुछ करना चाहते हैं। इन्हीं छात्राओं के लिए ही 20 यूपी गर्ल्स बटालियन लखनऊ जैसी यूनिट बनाई गई।
NCC के सर्टिफिकेट
कमान अधिकारी कर्नल विनोद जोशी ने भर्ती के दौरान बालिका कैडेट को एनसीसी के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने एनसीसी में आवेदन करने के नियम और उनके महत्व तथा उनसे मिलने वाले लाभ के बारे में कैडेट्स को जागरूक किया। उन्होंने बताया कि 9वीं कक्षा से लेकर ग्रेजुएशन तक कुल एनसीसी ट्रेनिंग पांच साल की होती है। जब कैडेट एनसीसी को पूरा कर लेता है तो उसे ए सर्टिफिकेट, बी सर्टिफिकेट, सी सर्टिफिकेट में उसकी योग्यता के हिसाब से सर्टिफिकेट दिया जाता है।
एनसीसी निशुल्क, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा
कर्नल विनोद जोशी ने बताया कि एनसीसी निशुल्क है। 437 बालिका कैडेटों को चयनित किया गया जो पूरी लगन से एनसीसी का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हैं। वह बहुत ही उत्साहित होकर देश की सेवा के लिए तत्पर हैं। यह महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और रूढ़िवादी सोच को बदलने में महत्वपूर्ण योगदान देंगी।