Varanasi : लंका थाना क्षेत्र के डाफी विश्वसुंदरी पुल से बुधवार को छलांग लगानेवाले प्रेमी युगल का शव सामनेघाट से एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम ने बरामद कर लिया है. पुल से युवक व युवती के कूदने की लोगों को जानकारी थी. मरने से पहले दोनों ने लड़की के दुपट्टे से अपने-अपने हाथ बांध लिये थे. जब दोनों शव उतराए मिले तब भी दोनों के हाथों में चुनरी बंधी हुई थी. मृत प्रेमी रणजीत यादव (19) चंदौली जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र के खजूर गांव का निवासी था। जबकि प्रेमिका इंटर की छात्रा थी और रोहनिया थाना क्षेत्र की रहनेवाली थी.
वहीं लोगों ने बताया कि दोनों शादी करना चाहते थे और परिवारवाले इसके खिलाफ थे. यही वजह थी कि दोनों ने जिंदगी की इस लड़ाई को और तरीके से लड़ने के वजाय ये कदम उठा लिए और जिंदगी से हार मान लिए.
दरअसल प्रेमी रणजीत के गांव में किशोरी की मौसी रहती हैं। वहीं किशोरी एक वैवाहित समारोह में आई थी जहां रणजीत से उसकी मुलाकात हुई। इसके बाद रणजीत से नजदीकियां बढ़ गईं और प्यार परवान चढ़ने लगा। दोनों मोबाइल पर घंटों बातें करते रहते थे।
शव देख लोगों ने पुलिस को सूचित किया. पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया। गंगा में कूदने से पहले उनके सामान पुल पर ही मिले थे जिससे उनकी पहचान हो गई थी। दोनों के परिवारवालों को भी सूचना मिल गई थी और वे पुलिस के सम्पर्क में थे. पुलिस ने शवों के मिलने की सूचना दी तो दोनों के परिजन बीएचयू पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे. रणजीत के पिता रामवृक्ष यादव ने बताया कि उनका बेटा पढ़ाई के साथ पशु पालन में भी हाथ बटाता था. जबकि किशोरी घटना से पहले परिवार को बताकर निकली थी कि वह कम्प्यूटर क्लास जा रही है. मामला इतना बढ़ गया कि दोनों के परिवारों को इसकी जानकारी हो गई और खफा हो गये। दोनों को डांट भी पड़ी। लेकिन परिजनों को क्या पता कि दोनों ने एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाई थीं।
परिवारों का विरोध देखते हुए दोनों सोमवार की दोपहर विश्व सुंदरी पुल पर पहुंचे। एक-दूसरे के हाथों में चुनरी बांधी और गंगा में छलांग लगा दी। दोनों की मौत पर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे परिवारवाले, परिचित दुखी थे। किसी का कहना था कि बच्चों ने नादानी में जान दे दी तो कोई कहता कि परिवारों को मनाने के लिए उन्हें कोई दूसरा रास्ता अख्तियार करना चाहिए था। एक तीसरा वर्ग भी था जो कह रहा था कि जब दोनों एक-दूसरे से इस हद तक प्यार करते थे तो उनकी शादी कर देने में क्या बुराई थी। कम से कम वह आखों के सामने जिंदा तो रहते।