सूत्रों न कहा कि जब तक कि फ्रांसीसी सरकार से प्राप्त विमान उड़ान संचालन के लिए तैयार नहीं हो जाते, तब तक भारतीय नौसेना को उपलब्ध कराए गए विमान भारतीय पायलटों को राफेल मरीन एयरक्राफ्ट पर उनके कौशल को निखारने में मदद करेंगे।
प्रशिक्षण के बाद वापस लौट जाएंगे विमान
भारतीय नौसेना की योजना के अनुसार ये विमान कारवार नौसैनिक अड्डे, विशाखापत्तनम के पास आईएनएस दीघा और तमिलनाडु में आईएनएस राजली के साथ-साथ गोवा में आईएनएस हंसा संचालन के केंद्र में रखे जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक फ्रांसीसी नौसेना के ये विमान भारतीय नौसेना को प्रशिक्षण देने के बाद अपने बेस पर लौट आएंगे।
भारतीय कंपनियों से बात कर रहे हैं राफेल निर्माता
सूत्रों ने बताया कि राफेल के निर्माता रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए टाटा समूह जैसी प्रमुख भारतीय कंपनियों और देश भर के अन्य मध्यम और छोटे उद्यमों को शामिल करने पर भी विचार कर रहे हैं।
2016 में भारत ने खरीदे थे 36 राफेल विमान
गौरतलब है कि सभी प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद डील को बीते सोमवार को डिफेंस प्रोक्योरमेंट बोर्ड ने मंजूरी के लिए पेश किया गया था, जबकि रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भी गुरुवार को परियोजना को अपनी मंजूरी दे दी। बता दें 36 जेट विमानों के लिए सितंबर 2016 में हस्ताक्षर किए जाने के बाद फ्रांस और भारत के बीच यह राफेल विमान का दूसरा सौदा होगा।