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  • October 18, 2024
  • Last Update October 5, 2024 3:17 pm
  • Noida

दिव्यांग किसान बना लाखों किसानों की प्रेरणा, जाने कहानी

दिव्यांग किसान बना लाखों किसानों की प्रेरणा, जाने कहानी

किस्मत भी उन्हीं का साथ देती है जिनमें कुछ करने की हिम्मत होती इस बात को सत्य कर दिखाया है चोरंबा गांव के नरोटे ने जो तीन एकड़ की जमीन में खुद खेती करते हैं और दूसरे के जमीन पर भी खेती कर अच्छी आय कमा लेते है किसानों को लिए प्रेरणा दाई नरोटे दोनों पैर से विकलांग है. अभी नरोटे के खेत में ज्वार, गेहूं और सोयाबीन की फसल काटी जा रही है. इस खेती से वो 2-3 लाख रुपये का मुनाफा कमा लेते है.

जहां एक तरफ मराठवाड़ा में किसानों की खुदखुशी सबसे बड़ी समस्या बन कर उभरी है, तो दूसरी और नांदेड़ जिले के अर्धपुर तहसील के चोरंबा गांव के एक युवा दिव्यांग किसान ने बड़ा नाम कमाया है. उन्होंने 12वीं तक की शिक्षा पूरी की है. अपने दृढ़ संकल्प और दृढ़ता के कारण उन्होंने अपनी विकलांगता पर काबू पा कर ये सिद्ध कर दिया व्यक्ति शरीर से नहीं बल्की सोच से विकलांग होता है. दोनों पैरों से अक्षम होने के बावजूद वे सभी खेती-बाड़ी का काम खुद करते हैं. वे फसलों को पानी बोना, निराई,पानी, गुड़ाई आदि का काम खुद करते हैं.

साथ ही इसके अलावा नरोटे के पास तीन दुधारू पशु भी हैं. वे खुद दूध निकालते हैं और उसे बाजार में बेचते हैं. उनके पास तीन पहियों वाला रिक्शा है. वे उसी रिक्शा पर दूध बेचने के लिए शहर जाते हैं. इसी रिक्शा की मदद से वे दवाइयां और खाद बीज खरीदते हैं. गजानन नरोटे दूसरे किसानों को खेती की नई तकनीक बता रहे हैं. दूसरे किसान इस विधि से खेती कर अच्छी कमाई प्राप्त कर रहे हैं.

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