पिछले 25 दिनों से इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है. वर्ल्ड बैंक ने का है कि ये युद्ध गाजा के बाहर पश्चिम एशिया में फैला तो कच्चे तेल समते दूसरे कमोडिटी के प्राइसेज में उछाल देखने को मिल सकता है. विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि युद्ध के चलते ग्लोबल ऑयल सप्लाई में दिक्कतें आ सकती है. ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में 3 से 13 फीसदी तक का उछाल देखने को मिल सकता है.
ग्लोबल कमोडिटी मार्केट को दोहरा झटका
वर्ल्ड बैंक ने लेटेस्ट कमोडिटी मार्केट आउटलुक जारी किया है. रिपोर्ट के मुताबिक मिडिल ईस्ट में विवाद से ग्लोबल कमोडिटी मार्केट को दोहरा झटका लग सकता है जो पहले से ही रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते झेल रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस विवाद के चलते ऑयल सप्लाई प्रभावित हो सकती है. कच्चे तेल की कीमतें इस तिमाही में बढ़कर 93 से 102 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती है.
ग्लोबल इकोनॉमी की राह में बड़ा अड़चन
वर्ल्ड बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट इंजरमित गिल ने कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध के बाद खाड़ी क्षेत्र में ताजा विवाद कमोडिटी मार्केट के लिए बड़ा झटका लेकर आया है. इसके चलते ग्लोबल इकोनॉमी की राह में व्यवधान पैदा कर सकता है. उन्होंने कहा कि पॉलिसीमेकर्स को बेहद सजग रहने की जरुरत है. अगर ये युद्ध और फैला तो रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए दोहरा झटका होगा जो दशकों में पहली बार देखने को मिलेगा.
बढ़ सकती है खाद्य महंगाई
वर्ल्ड बैंक के डिप्टी चीफ इकोनॉमिस्ट अयहान कोज ने कहा कि ज्यादा ऑयल प्राइसेज के चलते फूड प्राइसेज में उछाल देखने को मिलेगा. जिसके चलते कई विकस्त देशों में खाद्य महंगाई में तेज उछाल देखने को मिल सकती है. उन्होंने कहा कि 2022 के अंत तक दुनियाभर में 700 मिलियन लोग जो कि पूरी दुनिया की आबादी का 10 फीसदी है वो कुपोषण का शिकार था. इजरायल और हमास के बीच युद्ध का अगर दूसरे क्षेत्रों तक विस्तार हुआ तो इससे दुनियाभर में खाद्य असुरक्षा बढ़ने का खतरा है.