ISRO, अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टार्टअप सिसिर राडार प्राइवेट लिमिटेड ने ड्रोन पर लगे अपने सिंथेटिक अपर्चर रडार (एसएआर) का सफल परीक्षण किया है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
सिसिर राडार प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक निदेशक और मुख्य वैज्ञानिक तपन मिश्रा ने आईएएनएस को बताया, एसएआर युक्त ड्रोन को (शुक्रवार को) कोलकाता से करीब 50 किलोमीटर दूर सोनारपुर नामक स्थान पर उड़ाया गया।
मिश्रा जो पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अंतरिक्ष उपयोग केंद्र में निदेशक थे, ने अपने उत्पाद का नाम ‘रैबिट एसएआर’ रखा है, क्योंकि इसके एंटेना खरगोश के कानों की तरह लंबे होते हैं।
उनके अनुसार, यह एक हवादार दिन था और एसएआर ड्रोन को थोड़े समय के लिए उड़ाया गया। मिश्रा ने कहा कि बैटरी से चलने वाला ड्रोन 1.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ सकता है लेकिन शुक्रवार को इसे 50 मीटर की ऊंचाई पर उड़ाया गया। उनके अनुसार, उनके विनिदेशरें के अनुसार तैयार किए गए ड्रोन में एक घंटे की बैटरी सहन करने की क्षमता है।
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मिश्रा ने कहा, एसएआर संरचना और अपने स्वयं के शक्ति स्रोत सहित 14 किलो द्रव्यमान का है। इसमें छह एंटेना होंगे, तीन ड्रोन के दोनों ओर देख रहे होंगे। यह एकल ध्रुवीकरण और इंटरफेरोमेट्री मोड या पूर्ण पोलरिमेट्रिक मोड को संचालित कर सकता है। हमने इंटरफेरोमेट्री मोड में एकल ध्रुवीकरण परीक्षण किया।
उनके अनुसार, प्रौद्योगिकी के लिहाज से यह एक नया है। एसएआर को 1 मीटर रिजॉल्यूशन के साथ एल बैंड पर डिजाइन किया गया है। मिश्रा ने कहा, इस बैंड में संकल्प की क्षमता किसी के पास नहीं है। उन्होंने कहा, यह भारत का पहला सॉफ्टवेयर डिफाइंड रडार है। एसएआर आरएफ सेक्शन का नब्बे प्रतिशत डिजिटल, पायथन भाषा में लागू किया गया है।
दिलचस्प बात यह है कि परीक्षण उड़ान उस दिन की गई जब सिसिर राडार ने अपने पहले कर्मचारी को काम पर रखने के एक साल पूरे कर लिए। अब कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 30 है।