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  • July 27, 2024
  • Last Update July 25, 2024 2:05 pm
  • Noida

मर्दों’ वाले बयान के लिए मंत्री धारीवाल को अरब सागर में फेंक देना चाहिए: शेखावत

मर्दों’ वाले बयान के लिए मंत्री धारीवाल को अरब सागर में फेंक देना चाहिए: शेखावत

जयपुर, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल हमला बोलते हुए कहा कि पिछले साल की गई उनकी उस टिप्पणी के लिए उन्हें अरब सागर में फेंक देना चाहिए जिसमें कहा गया था कि ‘राजस्थान मर्दों का राज्य है।’

शेखावत ने रविवार रात बीकानेर में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब धारीवाल ने विधानसभा में अपनी टिप्पणियों के माध्यम से राजस्थान का अपमान किया, तो कांग्रेस विधायक ‘नपुंसक’ और ‘हिजड़े’ की तरह हंसते रहे और तालियां बजाते रहे।

उल्लेखनीय है कि शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल ने राज्य में दुष्कर्म से जुड़े मामलों की चर्चा करते हुए मार्च 2022 में विधानसभा में टिप्पणी की थी कि ‘राजस्थान मर्दों का राज्य है’।

इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले की गई टिप्पणियों को लेकर विपक्षी भाजपा हमलावर दिख रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान का अपमान उस दिन हुआ था जिस दिन शांति धारीवाल ने विधानसभा के पटल पर खड़े होकर यह कहा था कि राजस्थान में बलात्कार इसलिये ज्यादा होते हैं, क्योंकि राजस्थान मर्दों का प्रदेश है। उनके इस बयान पर राजस्थान कांग्रेस के सारे विधायक नपुंसक और हिजड़े की तरह हंसते हुए ताली बजा रहे थे।’’

उन्होंने कहा कि राजस्थान निश्चित रूप से मर्दों का प्रदेश है और राजस्थान की मर्दानगी के कारण आज हिंदुस्तान में हिंदुत्व और सनातन धर्म जिंदा है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान में अगर पृथ्वीराज चौहान, बप्पा रावल, राणा सांगा, वीर दुर्गादास, राव चंद्रसेन, महाराणा प्रताप, महाराजा सूरजमल ना हुए होते तो आज मेरा और आप सबका नाम कुछ ओर होता। आप कल्पना कीजिए आपका नाम क्या होने वाला था?’’

उन्होंने कहा कि ऐसा व्यक्ति जिसको उठाकर अरब सागर में फेंक देना चाहिए, वह आज राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल में मंत्री है।’’

केंद्रीय मंत्री ने कानून-व्यवस्था, पेपर लीक समेत अन्य मुद्दों को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का एकमात्र ध्यान अपनी कुर्सी बचाने पर था और उन्होंने अपने तत्कालीन ‘डिप्टी’ (सचिन पायलट) को ‘नकारा’ और ‘निकम्मा’ कहा।

उन्होंने कहा, “उनकी अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई और इसका खामियाजा कांग्रेस को नहीं, बल्कि जनता को भुगतना पड़ा।”

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