Gyanwapi case, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में 28 अगस्त को सुनवाई करेंगे। वाराणसी की अदालत में दायर वाद की पोषणीयता को लेकर यह सुनवाई होगी।
इससे पूर्व, न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था और निर्णय सुनाने के लिए 28 अगस्त की तिथि तय की थी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वाराणसी की अदालत में दायर वाद की पोषणीयता को चुनौती दी गई है। मूल वाद में उस जगह पर मंदिर बहाल करने की मांग की गई है जहां वर्तमान में ज्ञानवापी मस्जिद मौजूद है।
इस याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद का एक समग्र सर्वेक्षण करने के वाराणसी की अदालत के निर्देश को भी चुनौती दी गई है। वाराणसी की अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को यह सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था।
उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड और ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में यह याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने 28 नवंबर, 2022 को दोनों पक्षों को विस्तार से सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
Gyanwapi case, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में 28 अगस्त को सुनवाई करेंगे। वाराणसी की अदालत में दायर वाद की पोषणीयता को लेकर यह सुनवाई होगी।
इससे पूर्व, न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था और निर्णय सुनाने के लिए 28 अगस्त की तिथि तय की थी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वाराणसी की अदालत में दायर वाद की पोषणीयता को चुनौती दी गई है। मूल वाद में उस जगह पर मंदिर बहाल करने की मांग की गई है जहां वर्तमान में ज्ञानवापी मस्जिद मौजूद है।
इस याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद का एक समग्र सर्वेक्षण करने के वाराणसी की अदालत के निर्देश को भी चुनौती दी गई है। वाराणसी की अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को यह सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था।
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उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड और ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंधन समिति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में यह याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने 28 नवंबर, 2022 को दोनों पक्षों को विस्तार से सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था।