हिमाचल सरकार ने शानन पावर प्रोजेक्ट से पंजाब को अलग करने की तैयारी शुरू कर दी है. बता दें कि 2 मार्च 2024 को यह लीज समाप्त हो जाएगी, हिमाचल प्रदेश सरकार ने शानन पावर प्रोजेक्ट की लीज के नवीनीकरण या इसे बढ़ाने का कोई फैसला नहीं लिया है. जिसकी वजह से इस पर क्या कार्य करना है इस पर हिमाचल और पंजाब दोनो राज्य में चर्चा बनी हुई है. वहीं, हिमाचल के मुख्यमंत्री ने इस कार्य में पंजाब के मुख्यमंत्री से सहयोग देने की अपील करते हुए पंजाब पुनर्गठन एक्ट का भी हवाला दिया है.
ताजा जानकारी के अनुसार हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने साफ कर दिया है कि इस प्रोजेक्ट की लीज अवधि समाप्त होने के बाद पंजाब के पक्ष में इसका नवीनीकरण नहीं किया जाएगा. लीज की अवधि समाप्त होते ही हिमाचल के इंजीनियर इस प्रोजेक्ट का कामकाज संभाल लेंगे.
आपकों बता दें कि ब्रिटिश शासन के दौरान मंडी के तत्कालीन राजा जोगिंदर सिंह ने बिजली उत्पादन के लिए शानन प्रोजेक्ट को 3 मार्च 1925 को 99 साल के लिए पंजाब को लीज पर दिया था. इस लीज की अवधि 2 मार्च 2024 में समाप्त हो रही है, इस समय यह प्रोजेक्ट पावरकाम के अधीन 110 मेगावाट हाईड्रो बिजली पैदा करता है, जो पंजाब को सस्ती पड़ती है.
दूसरी ओर, पंजाब सरकार की तरफ से कुछ खास न होने के कारण यह प्रोजेक्ट अब काफी जर्जर हालत में पुहंच गया है. दो राज्यों का विषय होने के कारण यह मुद्दा हमेशा विवादीत ही रहा है. पंजाब सरकार ने अपनी इमारतों, रोपवे ट्रॉली सेवा और परियोजना के अन्य उपकरणों का रखरखाव बंद कर दिया है. 1966 में राज्यों के पुनर्गठन के बाद, केंद्र ने पंजाब को शानन पावर हाउस का अधिकार दिया था, क्योंकि ब्रिटिश प्रतिनिधि कर्नल बीसी बैटी और मंडी के राजा जोगिंदर सेन के बीच 1925 में हस्ताक्षरित पट्टा समझौता अभी समाप्त नहीं हुआ