indian army on border: भारतीय सेना की ओर से देश की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के प्रयास लगातार जारी हैं। इसी सिलसिले में आर्मी ने करीब 2,000 ड्रोन्स की खरीद के ऑर्डर दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से कुछ का इस्तेमाल फॉरवर्ड पोस्ट्स पर होगा तो कुछ का सर्विलांस से जुड़े कामों में उपयोग किया जाएगा। ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष स्मित शाह ने कहा कि इसे लेकर मैन्युफैक्टर्रस के बीच बोली लगाने की होड़ शुरू हो गई है।
भारत की ओर से सुरक्षा की दिशा में यह कदम ऐसे समय उठाया जा रहा है जब भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच बॉर्डर पर झड़पें देखने को मिली हैं। साथ ही पाकिस्तान की ओर से भी सीमापार से होने वाली घुसपैठ की कोशिशें रुकी नहीं हैं। बताया जा रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में डोन्स की सप्लाई तत्काल किए जाने का ऑर्डर है। लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के हाई-एल्टीट्यूड वाले इलाकों में बढ़ी तनातनी को देखते हुए यह जल्दबाजी दिखाई जा रही है।
बॉर्डर पर तेज हो रहीं चीनी सेना की हरकतें
लद्दाख में सीमा से लगे इलाकों में चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्टी (PLA) ने बड़ी संख्या में अपने टुकड़ियों को तैनात किया है। साथ ही ड्रैगन की ओर से अक्साई चीन में हेलीपैड्स बनाए गए हैं और अन्य दूसरे तरह के भी निर्माण कार्य हुए हैं। लद्दाख के अलावा डेमचोक और गलवान के सीमावर्ती इलाकों में भी कुछ इसी तरह के हालात हैं। इसे देखते हुए भारत ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को अभेद करने के कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए करीब 400 ड्रोन और निगरानी से जुड़े कार्यों की खातिर लगभग 1,500 ड्रोन खरीदे जा रहे हैं। जिन ड्रोन्स का इस्तेमाल रसद पहुंचाने के लिए होगा, वे 5 से 40 किलोग्राम के बीच का भार उठाने में सक्षम होंगे। इसके जरिए अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों के लिए विभिन्न प्रकार की आपूर्ति की जाएगी। साथ ही ये ड्रोन 5 से 20 किमी के बीच कहीं भी यात्रा करने की क्षमता वाले होंगे।
4-6 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम होंगे ये ड्रोन
ड्रोन फेडरेशन के शाह ने कहा कि भले ही दूरी तय करने की इन ड्रोन्स की क्षमता बहुत अधिक न हो मगर ये काफी मुश्किल रास्तों से होकर गुजरेंगे। सर्विलांस ड्रोन की स्पीड अलग-अलग होती है और वे अलग-अलग समय तक हवा में रहने में सक्षम होते हैं। अत्यधिक ऊंचाई वाली जगहों और निचले स्तर पर भी काम करने वाले ड्रोन का ऑर्डर दिया गया है। आर्डर किए गए ड्रोन 90 मिनट से लेकर 4-6 घंटे तक की उड़ान भर सकते हैं।
दूसरी ओर, जम्मू क्षेत्र में भारत-पाकिस्तान अंतराष्ट्रीय सीमा पर आतंकवादियों की घुसपैठ में इस्तेमाल की जाने वाली सुरंगों का पता लगाने को लेकर पहली बार रडार लगे ड्रोन तैनात किए हैं। सुरंग का पता लगाने के अभ्यास के तहत हाल में इस मोर्चे पर स्वदेश में निर्मित तकनीकी उपकरण का इस्तेमाल किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी आतंकवादी भारतीय क्षेत्र में घुसने में सक्षम न हो। इन सुरंगों का इस्तेमाल नशीले पदार्थों, हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी के लिए भी किया जाता रहा है।