भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पार आतंकवाद के मामले में रिश्ते लंबे समय से खराब चल रहे हैं। भारत में हुए कई आतंकी हमलों में पाकिस्तान शामिल रहा है, जिससे दोनों देशों में बातचीत भी लगभग बंद है। अब अगले महीने भारत में होने वाली एससीओ मीटिंग के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत आ रहे हैं। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही थीं कि क्या बिलावल भुट्टो और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच कोई आधिकारिक बातचीत होगी या नहीं। एनडीटीवी के अनुसार, अब सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि एससीओ मीटिंग में दोनों में कोई भी आधिकारिक बैठक नहीं होने वाली है।
दो दिन पहले, जयशंकर ने पनामा सिटी में पनामा की विदेश मंत्री जनैना तेवने मेंकोमो के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए परोक्ष रूप से पाकिस्तान की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि हमारे लिए एक ऐसे पड़ोसी के साथ जुड़ना बहुत मुश्किल है जो हमारे खिलाफ सीमा पार आतंकवाद का अभ्यास करता है। हमने हमेशा कहा है कि उन्हें सीमा पार आतंकवाद को प्रोत्साहित, प्रायोजित न करने की प्रतिबद्धता को पूरा करना है। हम उम्मीद जारी रख रहे हैं कि एक दिन हम उस मुकाम पर पहुंचेंगे।
वहीं, पिछले हफ्ते ही जम्मू कश्मीर के पुंछ में एक आतंकवादी हमले में पांच भारतीय जवान शहीद हो गए थे। पाकिस्तान ने घोषणा की थी कि भुट्टो 4 और 5 मई को गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेंगे। यह वर्षों में देश की पहली उच्च स्तरीय यात्रा है। हालांकि, भारत ने कहा है कि किसी एक देश की भागीदारी पर ध्यान देना उचित नहीं होगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान ने दोनों विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बैठक का अनुरोध किया है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सीधा जवाब नहीं दिया। पाकिस्तान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “हम एक सफल बैठक की प्रतीक्षा कर रहे हैं। किसी एक विशेष देश की भागीदारी पर ध्यान देना उचित नहीं होगा।”
बता दें कि एससीओ एक राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा गठबंधन है जिसमें आठ सदस्य देश शामिल हैं – चीन, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान। भारत और पाकिस्तान 2017 में पूर्ण सदस्य के रूप में संगठन में शामिल हुए।