Law Ministry ने अधिवक्ताओं की पदोन्नति की अधिसूचना जारी की है। अब इलाहाबाद, मद्रास के उच्च न्यायालयों में अतिरिक्त न्यायाधीशों के रूप में वकीलों की नियुक्ति की जाएगी। केंद्र सरकार ने गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय और मद्रास उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीशों के रूप में चार अधिवक्ताओं की पदोन्नति संबंधी अधिसूचना जारी की।
कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्विटर पर गुरुवार को नवनियुक्त न्यायाधीशों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, भारत के संविधान के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार, अधिवक्ताओं को इलाहाबाद उच्च न्यायालय और मद्रास उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है। मैं सभी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।
बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 जनवरी 2023 को हुई अपनी बैठक में नौ अधिवक्ताओं को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। केंद्र सरकार ने नौ अनुशंसित नामों में से केंद्र ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीशों के रूप में तीन अधिवक्ताओं प्रशांत कुमार, मंजीव शुक्ला और अरुण कुमार सिंह देशवाल की नियुक्ति को अधिसूचित किया है।
As per relevant provisions under the Constitution of India, the following Advocates have been appointed as Additional Judges of Allahabad High Court and Madras High Court.
I extend my best wishes to all of them pic.twitter.com/j6flhAj7tU— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) February 23, 2023
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 जनवरी, 2023 को हुई अपनी बैठक में अधिवक्ता वेंकटचारी लक्ष्मीनारायणन को मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
अदालतों में लंबित लाखों मामले, जजों के खाली पद और जरूरत के हिसाब से न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने के संबंध में रिजिजू ने संसद में बताया था कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने के लिए संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के साथ-साथ राज्य सरकार की सहमति आवश्यक है। कानून मंत्रालय के अनुसार उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की स्वीकृत शक्ति (2014) में 906 से बढ़कर (2022) में 1108 हो गई है।