Sugar, अगर आप अपने शुगर को नियंत्रित रखना चाहते हैं तो नियमित आहार में दाल को शामिल करें। इसमें पोषक तत्वों के साथ मिलने वाली प्रोटीन आपको स्वस्थ्य रखेगा। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक दाल में सॉल्यूबल और नॉन-सॉल्यूबल डाइटरी फाइबर पाए जाते हैं जो रक्त में ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल में रखते हैं।
साथ ही, अघुलनशील फाइबर मरीजों को कब्ज की परेशानी से दूर रखता है। हर उम्र में शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए प्रोटीन की हर रोज तय मात्रा में जरूरत होती है। लिहाजा दालों का पोषण सुरक्षा में बेहद महत्व है।
यही वजह है कि सरकार चाहती है कि हर आम एवं खास की थाली में जरूरी मात्रा में कोई न कोई दाल जरूर हो। संयोग से उत्तर प्रदेश दलहन की सर्वाधिक पैदावार वाला भी राज्य है। ऐसे में इसकी भूमिका भी दलहनी फसलों के उत्पादन में महत्वपूर्ण हो जाती है। प्रदेश सरकार लगातार इस बारे में प्रयास भी कर रही है।
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एक रिपोर्ट के अनुसार एक दशक में दालों का ग्रॉस वैल्यू आउटपुट (जीवीओ) करीब 250 फीसद बढ़ा है। यह देश में सर्वाधिक है। एक दशक पहले दालों का जीवीओ 18 हजार करोड़ रुपये था जो बढकर 45 हजार करोड़ रुपये हो गया।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 7 जून को खरीफ की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित किया है। इसमें सर्वाधिक 10.4 फीसद की वृद्धि मूंग की है। वर्ष 2022-2023 में यह प्रति कुंतल 7755 था। इस साल इसे बढ़ाकर 8558 रुपये कर दिया गया।