Lunar Eclipse 8 November को भारत सहित दुनिया के कई देशों में दिखेगा। 2022 का ये पूर्ण चंद्र ग्रहण साल का अंतिम Lunar Eclipse होगा। चंद्रोदय के समय ग्रहण भारत के सभी स्थानों से दिखाई देगा। हालांकि ग्रहण की आंशिक एवं पूर्णावस्था का आरम्भ भारत के किसी भी स्थान से दिखाई नहीं देगा, क्योंकि यह घटना भारत में चंद्रोदय के पहले ही प्रारम्भ हो चुकी होगी। साल के आखिरी चंद्र ग्रहण के बारे में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने बताया कि ग्रहण की पूर्णावस्था एवं आंशिक अवस्था दोनों ही का अंत देश के पूर्वी हिस्सों से दिखाई देगा। देश के बाकी हिस्सों से आंशिक अवस्था का केवल अंत ही दिखाई देगा। भारत के अलावा चंद्र ग्रहण दक्षिण अमरीका, उत्तर अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, उत्तर अटलांटिक महासागर तथा प्रशांत महासागर के क्षेत्रों में भी दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण भारतीय समय अनुसार 14.39 मिनट पर प्रारम्भ होगा, जिसकी पूर्णावस्था 15.46 मिनट पर प्रारम्भ होगी। ग्रहण की पूर्णावस्था का अंत 17.12 मिनट पर होगा तथा आंशिक अवस्था का अंत 18.19 मिनट पर होगा। भारत में अगला चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को घटित होगा, जो कि आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। इसके पहले भारत में चंद्र ग्रहण 19 नवम्बर 2021 को घटित हुआ था, जो कि आंशिक चंद्र ग्रहण था।
जानकारी के मुताबिक देश के पूर्वी भाग में स्थित शहरों कोलकाता एवं गुवाहाटी में चंद्रोदय के समय ग्रहण की पूर्णावस्था चल रही होगी। कोलकाता में चंद्रोदय के समय से लेकर पूर्णावस्था के अंत तक की अवधि 20 मिनट की होगी तथा चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि 1 घंटा 27 मिनट की होगी। गुवाहाटी में चंद्रोदय के समय से लेकर पूर्णावस्था के अंत तक की अवधि 38 मिनट की होगी जबकि वहां चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि 1 घंटा 45 मिनट की होगी।
देश के अन्य शहरों दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई एवं बंगलुरू में पूर्णावस्था के अंत के उपरांत चंद्रोदय होगा एवं उस समय आंशिक ग्रहण चल रहा होगा तथा उपर्युक्त शहरों में चंद्रोदय के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि क्रमश: 50 मिनट, 18 मिनट, 40 मिनट एवं 29 मिनट तक की होगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा उद्भुत खगोलीय संयोग 2040 में बनेगा जब दीपावली और देव दीपावली के मौके पर सूर्य और चंद्र ग्रहण दोनों देखे जा सकेंगे।
गौरतलब है कि चंद्र ग्रहण पूर्णिमा को घटित होता है, जब पृथ्वी सूर्य एवं चंद्रमा के बीच आ जाती है तथा ये तीनों एक सीधी रेखा में अवस्थित हो जाते हैं। पूर्ण चंद्र ग्रहण तब घटित होता है, जब चंद्रमा पूर्णतया पृथ्वी की प्रच्छाया से आवृत हो जाता है तथा आंशिक चंद्र ग्रहण तब घटित होता है, जब चंद्रमा का एक हिस्सा ही पृथ्वी की प्रच्छाया से ढक पाता है।
(आईएएनएस)