तृणमूल सांसद Mahua Moitra Cash for Question मामले के कारण लगातार सुर्खियों में हैं। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मामले से संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में संसद में सवाल के बदले पैसा विवाद पर लोक सभा आचार समिति की पहली बैठक आज होगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा की आचार समिति ने “कैश फॉर क्वेरी” का मामला दर्ज किया है। गुरुवार को समिति की पहली बैठक आयोजित होनी है।
बता दें कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और अधिवक्ता जय अनंत देहाद्राई ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। सांसद निशिकांत की तरफ से दायर कराई गई शिकायत के संबंध में जय अनंत देहाद्राई मौखिक साक्ष्य के लिए समिति के समक्ष दर्ज होंगे। भाजपा सांसद का आरोप है कि संसद में ‘पूछताछ के बदले नकद’ घोटाले में महुआ की प्रत्यक्ष संलिप्तता है।
गौरतलब है कि लोकसभा आचार समिति के अध्यक्ष भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर हैं। इसमें भाजपा के विष्णु दत्त शर्मा, सुमेधानंद सरस्वती, अपराजिता सारंगी, राजदीप रॉय, सुनीता दुग्गल और सुभाष भामरे, वे वैथिलिंगम, एन उत्तम कुमार रेड्डी शामिल हैं। अन्य दलों के सदस्यों में कांग्रेस की परनीत कौर; बालाशोवरी वल्लभभानेनी (वाईएसआरसीपी); हेमन्त गोडसे (शिवसेना); गिरिधारी यादव (जद-यू); पी आर नटराजन (सीपीआई-एम); और कुँवर दानिश अली (बसपा) भी आचार समिति के सदस्य हैं।
लोकसभा अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में निशिकांत दुबे ने कहा था कि संसद में ‘पूछताछ के लिए नकद’ का गंदा मामला फिर से उभर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया था कि ‘विशेषाधिकार का गंभीर उल्लंघन’, ‘सदन की अवमानना’ और ‘आपराधिक कृत्य’ हुए हैं। इस मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120ए के तहत तृणमूल कांग्रेस सांसद पर कार्रवाई की अपील के साथ दुबे ने दावा किया है कि वकील जय अनंत देहाद्राई ने उन्हें रिश्वत लिए जाने के सबूत उपलब्ध कराए थे।
निशिकांत के इस पत्र के जवाब में, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि वह लोक सभा स्पीकर, सीबीआई और ईडी सभी की जांच का स्वागत करेंगी, लेकिन पहले स्पीकर ओम बिरला को अन्य भाजपा सांसदों पर विशेषाधिकार के कथित उल्लंघन के आरोपों की जांच पूरी करनी चाहिए।