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  • October 9, 2024
  • Last Update October 5, 2024 3:17 pm
  • Noida

शादी की तैयारी कर रहा था परिवार, घर पहुंचा शहीद जवान का शव

शादी की तैयारी कर रहा था परिवार, घर पहुंचा शहीद जवान का शव

जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में एक परिवार दिसंबर में भारतीय सेना में शामिल जवान की शादी की तैयारी कर रहा था, लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर था. जिस जवान की शादी होने वाली थी, उस बहादुर ने राजौरी जिले में आतंकवादियों से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी. इस भारतीय सपूत का नाम था रवि कुमार राणा और वह सेना में राइफलमैन थे.

उनका पार्थिव शरीर गुरुवार (14 सितंबर) को एक सुसज्जित सैन्य वाहन में सीमावर्ती जिले राजौरी से उनके गृह नगर किश्तवाड़ लाया गया, जहां हजारों शोक संतप्त लोग को उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई देने के लिए एकत्र हुए थे.

63 राष्ट्रीय राइफल्स के राइफलमैन राणा ने मंगलवार (13 सितंबर) को राजौरी जिले के सुदूर नरला गांव में एक मुठभेड़ के दौरान देश की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया. हालांकि, बाद में सेना ने दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी भी मार गिराए. गोलीबारी में सेना की डॉग यूनिट की छह साल मादा लैब्राडोर केंट की भी जान चली गई.

जैसे ही उनका पार्थिव शरीर उनके घर पर पहुंचा, वहां कई इमोश्नल सीन देखने को मिले. उनकी मंगेतर शोक में मनाने के लिए शामिल हुईं और फूट-फूट कर रोने लगीं. उन्होंने कहा, “मैंने ऐसे भाग्य की कल्पना नहीं की थी, जिसने मेरी जिंदगी को तबाह कर दिया… अगर मुझे ऐसी घटना के बारे में पता होता तो मैं एक बार उनसे मिलती और बात करती, लेकिन अपने परिवार के सम्मान के कारण ऐसा नहीं कर सकी.”

बता दें कि राणा का पार्थिव शरीर बुधवार (13 सितंबर) को राजौरी में एक सैन्य छावनी में पुष्पांजलि समारोह के बाद उनके गृह नगर पहुंचना था, लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर संचालन की अनुमति नहीं मिली और बाद में उनके तिरंगे में लिपटे ताबूत को सड़क मार्ग से भेजा गया.

शहीद नायक का पार्थिव शरीर आधी रात तक उनके घर पहुंचा और बाद में उनके बलिदान, राष्ट्र और सेना की प्रशंसा में जोरदार नारेबाजी के बीच गुरुवार सुबह श्मशान घाट ले जाया गया. इस दौरान हर तरफ आतंक विरोधी स्लोगन की गूंज सुनाई दी.

पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान उन्हें तोपों की सलामी भी दी गई. उनके किश्तवार को डिप्टी कमिश्नर देवांश यादव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक खलील पोसवाल और कई राजनेता भी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे.

शहीद जवान के परिजन ने राजिंदर सिंह सेन ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा उनकी मौत के खबर से पहले उनकी शादी की जोर-शोर से तैयारी चल रही थी. उनकी मौत से हम बेहद दुखी हैं.

उन्होंने बताया की राणा की शादी इस साल 2 दिसंबर को होनी थी. उनके पिता सुभाष चंद्र राणा एक किसान हैं और उनके चार बेटे हैं. उनके बढ़े भाई भी आर्मी में हैं. उनकी पोस्टिंग पंजाब में है. राणा 8 साल पहले सेना में शामिल हुए थे और वह बहुत बहादुर थे. सेन ने कहा जवान की प्रसिद्धि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसके अंतिम संस्कार में कितने लोग शामिल हुए. आप देख सकते हैं कि अंतिम यात्रा में शामिल हुए सभी लोगों की आंखे नम हैं.

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अंतिम विदाई देते हुए रिटायर जवान शिव कुमार ने कहा कि यह दुर्भाग्यरपूर्ण है कि आतंकियों ने फिर से अपनी गतिविधियां शुरू कर दी हैं, जिसका सबूत कश्मीर के कोकरनाग में हुए एनकाउंटर है, जिसमें दो सेना के अधिकारी और एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है.

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