ज्योतिष्पीठाधीश्वर Shankaracharya अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने आज नरसिंहपुर में तिरंगा फहराया। उन्होंने कहा, आज भारत की आजादी की तिथि श्रावण कृष्ण चतुर्दशी है। 1947 के हिंदी पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की चतुर्दशी तिथि को ही भारत देश आजाद हुआ था। उत्तराखंड के बदरीनाथ में स्थित श्रीशंकराचार्य आश्रम में भी ध्वजारोहण हुआ।
उन्होंने कहा, यह इस देश की विडम्बना ही है कि भारत में आज भी अंग्रेजी तिथि के अनुसार राष्ट्रीय पर्व मनाया जाता है। भारतीयता की स्थापना के लिए हमारे पूर्वजों ने जिस अंग्रेज अंग्रेजियत को हटाया वह आज भी हमारे सत्ताधीशों के द्वारा चलाई जा रही है।
नरसिंहपुर के मेला प्रांगण में ध्वजारोहण के मौके पर जगद्गुरुकुलम् के वैदिक बटुकों ने एक स्वर में राष्ट्रगान प्रस्तुत किया। अपने संबोधन में जगद्गुरु शङ्कराचार्य ने कहा, ऐसा नहीं है कि इस देश में नेता लोग इस बात को न समझते हों कि भारतीय तिथियों में भारत के पर्व मनाए जाते हैं।
उन्होंने कहा, रामनवमी, जन्माष्टमी और महाशिवरात्रि के दिन इसी देश में विद्यालयों और सरकारी कार्यालयों में तिथि अनुसार ही अवकाश दिया जाता है परन्तु हमारे राष्ट्रीय पर्व को आयोजित करने के लिए अंग्रेजों के बनाए ग्रेगोरियन कैलेण्डर का आधार लिया जाता है।
बकौल शंकराचार्य, जब भारत के पास अपनी समृद्धशाली कालगणना की परम्परा विद्यमान है तो हमें इस पर गौरव करना चाहिए। कोई कारण नहीं कि हमें दूसरों की पद्धति को अपनाना पडे। भारत के लोग भारतीय होने में ही गौरव का अनुभव करते हैं।