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  • October 18, 2024
  • Last Update October 5, 2024 3:17 pm
  • Noida

सूडान हिंसा से भारत को होगा बड़ा नुकसान

सूडान हिंसा से भारत को होगा बड़ा नुकसान

उत्तर पूर्वी अफ्रीकी देश सूडान को संवारने के लिए भारत कई वर्षों से जुटा है। सूडान में पैरामिलिट्री फोर्स और सेना के बीच जारी संघर्ष से भारत की कोशिशों के साथ सूडान की तरक्की को भी झटका लगा है। भारत के मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (एमपीआईडीएसए) के अनुसार भारत ने सूडान को आर्थिक मोर्चे पर मजबूत बनाने के लिए बीते कुछ दशकों में करीब 300 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश अलग-अलग क्षेत्रों में किया है। भारतीय विदेश राज्यमंत्री एम मुरलीधरन ने अक्तूबर 2021 में सूडान का दौरा किया था। इस दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक तेजी से जुड़ी कई परियोजनाओं पर सहमति बनी थी।

भारत तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है

सूडान के विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत और सूडान के बीच द्वीपक्षीय व्यापार में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। वर्ष 2005-06 में दोनों देशों के बीच 32.72 करोड़ डॉलर का व्यापार हुआ था। वर्ष 2018-19 में ये बढ़कर 166.37 करोड़ डॉलर हो गया था। रिपोर्ट के अनुसार भारत चीन और सऊदी अरब के बाद तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।

भारत से सूडान को निर्यात
वर्ष            निर्यात

2022-23 2261.47
2021-22 1077.25

2020-21 1022.33
2019-20 1096.88

2018-19 920.88
स्रोत: सूडान में भारतीय दूतावास (आंकड़े मिलियन डॉलर में)

ऊर्जा क्षेत्र में मौके की तलाश

भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2005-06 में भारत ने सूडान को 29.46 करोड़ डॉलर का निर्यात किया था जो वर्ष 2018-19 में बढ़कर 92.08 करोड़ डॉलर हो गया था। देश की 75 से अधिक कंपनियां सूडान में बिजनेस के मौके तलाश रही हैं। कई कंपनियां तेल और ऊर्जा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम कर रही हैं। वहीं कुछ कृषि क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।

भारत के लिए सूडान भी अहम

सूडान भारत के लिए भी कई मायनों में अहम है। भारत तिल के बीज, कॉटन, जानवरों की खाल और गोंद जैसी चीजें बड़ी मात्रा में निर्यात करता है। सूडान से भारत द्वारा निर्यात होने वाली चीजों में 300 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। भारत सूडान में छोटे उद्योग, कृषि, स्वास्थ्य, फॉर्मा और सूचना एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में खुद को तेजी से मजबूत करने की दिशा में बढ़ रहा है।

सूडान में चीन की भी चाल तेज

चीन सूडान में निवेश के साथ कर्ज का जाल बिछाने में लगा है। डेनमार्क के दानिश इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के अनुसार चीन अबतक 600 करोड़ डॉलर का निवेश कर चुका है। इसमें से 14.3 करोड़ डॉलर कर्ज के रूप में बांटा है। चीन सूडान के ऊर्जा से जुड़े क्षेत्रों पर अपना आधिपत्थ्य स्थापित करने की कोशिश में जुटा हुआ है।

अमेरिका भी गड़ाए हुआ है नजर

अमेरिका सूडान से बड़ी मात्रा में खाद्य पदार्थ जैसे तेल, गेंहू, सब्जी और दाल का आयात करता है। अमेरिका सूडान को हर संभव आर्थिक मदद देने में जुटा है। वर्ष 2019 में अमेरिका ने सूडान को 5.3 करोड़ डॉलर की वस्तुएं निर्यात की थीं। वर्ष 2019 में अमेरिका ने सूडान को आतंकी देशों की लिस्ट से हटाते हुए 33.5 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया था।

सूडान में दुनिया की दिलचस्पी क्यों

सूडान आर्थिक रूप से कमजोर और अशांत देश है लेकिन प्राकृतिक संसाधनों से भरा हुआ राष्ट्र है। सूडान के निवेश मंत्रालय के अनुसार सूडान का मौसम और जमीन खेती के अनुकूल है। उपजाऊ कृषि भूमि के साथ सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी भी है। तेल से संपन्न इस देश में दुनिया का हर देश निवेश कर अपनी मौजूदगी कायम रखना चाहता है।

भारत से सूडान को क्या मिल रहा

1.भारत सूडान रेलवे का विद्युतीकरण करने के लिए उपकरण मुहैया करा रहा है।
2.रेलवे को डीजल इंजन के साथ कई तरह के कलपुर्जों की आपूर्ति भी कर रहा है।

3.भारतीय कंपनी भेल सूडान के कोस्ती पॉवर प्लांट का 2016 से संचालित कर रही।
4.भारत के सहयोग से खार्तूम में सौर ऊर्जा के पहले संयंत्र की शुरुआत की गई थी।

5.भारत फॉर्मा से लेकर ऑटोमाबाइल क्षेत्र में अपनी जगह बनाने की कोशिश में है।
सूडान को मदद में आगे रहा भारत: कोरोना महामारी के दौर में भारत ने आईएएनएस विराट की मदद से 100 मिट्रिक टन खाद्य पदार्थ भेजा था

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I am a journalist. having experiance of more than 5 years.

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