उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में Fake Bus Depot बनाकर नीलामी की बसों का संचालन कर यात्रियों को सफर कराने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मंगलवार को प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग से एक शिकायत की गई है। अब प्रशासनिक सुधार विभाग परिवहन निगम को पत्र भेजकर इस मामले की नए सिरे से जांच कराने की तैयारी में है।
शिकायतकर्ता महेंद्र पाल सिंह की तरफ से यह शिकायत की गई है जिसमें शिकायतकर्ता ने सोशल मीडिया पर वायरल खबरों के साथ यह शिकायत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग को भेजी है। उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने भी सहारनपुर क्षेत्र में जलालाबाद डिपो के नाम से फर्जी बस डिपो के संचालन के मामले को गंभीरता से लिया है। बता दें कि साल 2020 में जलालाबाद डिपो के नाम से बस संख्या यूपी 42 एटी 0648 के ब्रेक फेल होने से हुई दुर्घटनाओं में तीन यात्रियों की मौत हो गई थी। इस मामले में तत्कालीन प्रबंध निदेशक धीरज साहू ने जांच कराई थी। जांच में जलालाबाद डिपो के नाम से बिना अनुमति के ही डिपो संचालित करने का मामला सामने आया। सहारनपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंडीर पर परिवहन निगम मुख्यालय से बिना अनुमति बस डिपो संचालन का आरोप तय करते हुए सस्पेंड करने की संस्तुति की गई थी, लेकिन दोषी अधिकारी पर कार्रवाई से परिवहन निगम प्रशासन दूर भाग रहा है।
आरोपी को बचा रहे अफसर
जिस समय यह घटना हुई थी उस समय सहारनपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंडीर थे जो इस समय परिवहन निगम में प्रभारी प्रधान प्रबंधक (कार्मिक एवं प्रशासन) के पद पर तैनात हैं, साथ ही उनके पास लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक का कार्यभार भी है। परिवहन निगम के अधिकारियों की कृपा उन पर इसलिए भी बनी हुई है क्योंकि हाल ही में उन्होंने काफी सख्ती दिखाई और कुछ ही माह में लोड फैक्टर सात से आठ फीसद बढ़ा दिया। अधिकारियों को लग रहा है कि क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंडीर ने सब कुछ सुधार कर रख दिया। हालांकि, लखनऊ रीजन के पास सबसे ज्यादा बसे हैं तब यह लोड फैक्टर बढ़ा है जबकि झांसी के पास लखनऊ से कम बसें हैं बावजूद इसके झांसी टॉप पर है, लेकिन प्रभारी प्रधान प्रबंधक (कार्मिक एवं प्रशासन) होने के नाते उन पर सीनियर अधिकारी मेहरबान हैं।