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  • November 22, 2024
  • Last Update November 16, 2024 2:33 pm
  • Noida

क्या UP Transport Contract मोड में शिफ्ट हुआ ? पहली बार IAS अधिकारी की संविदा पर नियुक्ति का दावा, सलाह के लिए करीब एक लाख का वेतन !

क्या UP Transport Contract मोड में शिफ्ट हुआ ? पहली बार IAS अधिकारी की संविदा पर नियुक्ति का दावा, सलाह के लिए करीब एक लाख का वेतन !

क्या UP Transport Contract मोड में शिफ्ट हो गया है ?  ये सवाल इसलिए क्योंकि योगी सरकार के परिवहन निगम में पहली बार संविदा पर पूर्व नौकरशाह (IAS) की तैनाती हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार इस IAS अधिकारी से सलाह के लिए हर माह लगभग एक लाख खर्च करने वाली है।  उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UP Transport या UPSRTC) में पहली बार विषय विशेषज्ञ के रूप में सेवानिवृत्त नौकरशाह को तैनाती दी गई है। सलाह लेने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम हर माह करीब ₹1,00000 खर्च करेगा। एक साल तक के लिए यह तैनाती रहेगी। इसके बाद कामकाज को देखते हुए एक एक साल के लिए संविदा और बढ़ाई जाएगी। इतना ही नहीं परिवहन निगम के अधिकारियों की तरह मिलने वाली सुविधाएं भी सेवानिवृत्त अधिकारी को मिलेंगी।

बता दें कि एक ही दिन पहले ये खबर आई थी कि यूपी परिवहन निगम निजीकरण का आशंका से डरा हुआ है। यूनियन आंदोलन की तैयारी कर रहा है। 13 नवंबर को बैठक में यूपी परिवहन निगम के कर्मचारी और यूनियन मेंबर इसकी रणनीति तैया करेंगे।

UP Roadways Privatisation की आशंका से आक्रोश, आंदोलन की तैयारी में यूनियन, 13 नवंबर को मंथन

क्या UP Transport Contract मोड में ?

उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी पूर्व IAS अधिकारी को संविदा पर रखा गया हो। सेवानिवृत्त आईएएस जगतराज अब परिवहन निगम के लिए काम करेंगे। कंसलटेंट की भूमिका निभाएंगे। परिवहन निगम की तरफ से इसके एवज में उन्हें अच्छा मानदेय दिया जाएगा, साथ ही वर्तमान अधिकारियों की तरह मिलने वाली सुविधाएं भी उन्हें मिलेंगी। ₹96,900 मानदेय पूर्व IAS को दिया जाएगा। इसके अलावा वर्तमान अधिकारियों की तरह ही सेवानिवृत्त अधिकारी को 14 अवकाश भी मिलेंगे। कार्यालय आने जाने के लिए वाहन की सुविधा मिलेगी। अगर विभागीय कार्य से बाहर जाते हैं तो जो भी खर्च आएगा वह भी परिवहन निगम की तरफ से ही भरा जाएगा। पूर्व आईएएस जगतराज परिवहन निगम की विभिन्न परिसंपत्तियों और शासन प्रशासन के माध्यम से समय-समय पर क्रियान्वयन की जा रही योजनाओं और राजस्व विभाग में निगम की परिसंपत्तियों का अभिलेखों में अंकन और संबंधित वादों में प्रभावी अनुश्रवण करेंगे।

परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने बताया कि विषय विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त किए गए सेवानिवृत्त IAS जगतराज को एक साल की अवधि के लिए तैनाती दी गई है। अवधि समाप्त होने के बाद उनके कार्य का आकलन करते हुए एक वर्ष की अवधि के लिए सेवा विस्तार किया जा सकेगा। यह प्रक्रिया अगले वर्ष के लिए प्रभावी होगी। संविदा पर अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक रखा जाएगा। पदाधिकारी को कैलेंडर वर्ष में 14 दिन का आकस्मिक अवकाश देय होगा। संविदा की अवधि में अधिकारी द्वारा अंतिम भवेतन 1,93,800 प्रति माह में से पेंशन की धनराशि ₹ 96,900 घटते हुए कुल मानदेय ₹ 96,900 दिया जाएगा। चयनित अधिकारी को कार्यालय आने जाने के लिए वाहन की सुविधा उपलब्ध होगी। सेवानिवृत्त से पूर्व अधिकारी के रूप में प्राप्त होने वाले अन्य कोई लाभ उन्हें देय नहीं होंगे।

उन्होंने बताया कि मानदेय पर पाबंद किए गए अधिकारियों को 15 दिन के नोटिस पर प्रबंध निदेशक द्वारा बिना कोई कारण बताए हटाया जा सकेगा। विभागीय आवश्यकतानुसार अवकाश के दिनों में उच्च प्रबंधन द्वारा बुलाए जाने पर कार्यों के निस्तारण के लिए कार्यालय आना होगा। इसके लिए कोई प्रतिकर/अवकाश या लाभ देय नहीं होंगे। किन्ही कारणों से निर्धारित अवकाश से अधिक दिवसों में अनुपस्थित होने की दशा में प्राप्त हो रहे मानदेय से समानुपातिक कटौती की जाएगी। पदाधिकारी के नियंत्रण का अधिकार प्रबंध निदेशक में निहित होंगे।

क्या कहते हैं रोडवेज के अफसर

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में विशेषज्ञ के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस जगतराज को तैनात किया गया है। रोडवेज की परिसंपत्तियों का मूल्यांकन करेंगे, साथ ही राजस्व विभाग में प्रपत्रों का अंकन भी करेंगे।

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