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  • December 9, 2024
  • Last Update November 26, 2024 9:26 pm
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Vijay Diwas, जब 93 हजार पाक सैनिकों ने किया आत्म समर्पण

Vijay Diwas, जब 93 हजार पाक सैनिकों ने किया आत्म समर्पण

VIJAY DIWAS, सन् 1971 में 13 दिन तक चले युद्ध में इसी दिन पूर्वी पाकिस्तान में पाक सेना के कमाण्डर ले. जनरल ए.ए.के.नियाजी के साथ ही लगभग 93 हजार पाकिस्तानी सेनिकों ने भारतीय सेना की पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने समर्पण किया था। बांग्लादेश ने नौ महीने के खूनी संघर्ष के बाद पाकिस्तान से आजादी पाई थी। इसमें भारत की निर्णायक भूमिका रही।

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भारत विजय दिवस को भारत-पाक युद्ध में जीत के रूप में स्वीकार करता है, जिसे स्वर्णिम विजय वर्ष के नाम से जाना जाता है. इस दिन भारत ऐतिहासिक युद्ध में जीत हासिल करने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देकर इस दिन को मनाता है जिसके कारण बांग्लादेश का निर्माण हुआ था. इस वर्ष 1971 में पाकिस्तान पर भारत की जीत की 52वीं वर्षगांठ है.  विजय वर्ष के नाम से जाना जाता है. इस दिन भारत ऐतिहासिक युद्ध में जीत हासिल करने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देकर इस दिन को मनाता है जिसके कारण बांग्लादेश का निर्माण हुआ था. इस वर्ष 1971 में पाकिस्तान पर भारत की जीत की 52वीं वर्षगांठ है.

क्या है इतिहास?
भारत-पाकिस्तान युद्ध 03 दिसंबर, 1971 को शुरू हुआ, जो 13 दिनों तक जारी रहा. इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान युद्ध जारी रहा और 16 दिसंबर को समाप्त हो गया. पाकिस्तान ने अपने 93,000 सैनिकों को भारत को सौंप दिया, जिसे बांग्लादेश के रूप में जाना जाने लगा. युद्ध ने पाकिस्तानी सेना को बांग्लादेश बनाकर भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. यह सबसे बड़ी जीतों में से एक थी जिसने भारत को क्षेत्रीय शक्तियों में से एक के रूप में मान्यता दी.

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पाकिस्तान के जनरल याह्या खान द्वारा निर्देशित एक दमनकारी सैन्य शासन द्वारा पूर्वी पाकिस्तान में लोगों के निरंतर नरसंहार के कारण युद्ध प्रभाव में आया. यह युद्ध 13 दिनों तक पूर्वी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर लड़ा गया था. ऑपरेशन ट्राइडेंट भारत द्वारा शुरू किया गया था जब भारतीय नौसेना के पश्चिमी नौसेना कमान ने कराची बंदरगाह पर सफलतापूर्वक एक आश्चर्यजनक हमला किया था इसलिए, इस दिन, बांग्लादेश का जन्म एक नए राष्ट्र के रूप में हुआ, जो पाकिस्तान से स्वतंत्र हुआ l

आज भी बांग्लादेश हिंदुस्तान को अपनी आजादी का शुक्रगुजार मांगता

बांग्लादेश में लोगों ने भारत से मदद की गुहार लगाई। भारत के बिना पाकिस्तान की सेनाओं के जुल्म से मुक्ति पाना संभव नहीं थी। तब भारत ने आगे बढ़कर बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद कराने में हरसभंव मदद की। आखिरकार 16 दिसंबर 1971 के दिन भारत द्वारा पाकिस्तान के इरादों को चकनाचूर करने के बाद नया राष्ट्र ‘बांग्लादेश’ अस्तित्व में आया। इस बात को आज भी बांग्लादेश मानता है कि बिना भारत के योगदान के उसे आजादी नहीं मिलती

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