कुत्ते के काटने का दर्द सिर्फ वो ही समझ सकता है। जो इसका शिकार हुआ है। कुत्ते के काटने पर त्वचा पर घाव हो सकता है। यह घाव सामान्य या गहरा हो सकता है। लेकिन इन दोनों ही स्थितियों में इलाज की जरूरत पड़ती है। अन्यथा व्यक्ति कई तरह के संक्रमणों का शिकार हो सकता है. इसमें रेबीज सबसे आम है।
जानवर जैसे कुत्ता, बंदर, सुअर, चमगादड़ आदि के काटने से जो लार व्यक्ति के खून में मिल जाती है। उससे रेबीज नामक बीमारी होने का खतरा रहता है। रेबीज रोग सीधे रोगी के मानसिक संतुलन को खराब कर देता है।
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अगर रेबीज वाला कुत्ता किसी व्यक्ति को काट लेता है। तो पीड़ित व्यक्ति को रेबीज की समस्या हो सकती है। इसमें सिरदर्द, बुखार व कमजोरी के लक्षण नजर आ सकते हैं। इसके अलावा, रेबीज होने पर घाव के आसपास खुजली और चुभन भी महसूस हो सकती है। जो लोग कुत्ते के काटने पर इलाज नहीं करवाते हैं। उनमें रेबीज संक्रमण जोखिम भरा हो सकता है।