Keshav Maurya in Varanasi, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को आयुक्त सभागार में वाराणसी व विन्ध्याचल मंडल में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के प्रगति की समीक्षा कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश दिये।
उन्होंने दोनों मंडल के क्षेत्र पंचायत प्रमुखों तथा खंड विकास अधिकारियों के साथ संवाद करते हुए उनसे जनकल्याणकारी योजनाओं क्रियान्वयन शासन की मंशा के अनुरूप गुणवत्ता एवं समय बद्धता के साथ किये जाने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि तभी इसका लाभ जन सामान्य को त्वरित ढंग से मिल सकेगा।
उन्होंने कहा कि खंड विकास अधिकारी व ब्लाक प्रमुख के बीच का संबंध भाई-भाई का होना चाहिए, ताकि योजनाओं की प्रगति अच्छे से हो सके। मनरेगा का काम ब्लॉक के माध्यम से हर हाल में सुनिश्चित होना चाहिए। ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी तथा ग्राम पंचायत अधिकारी नियमित संयुक्त रूप से बैठकर आपस में कार्यो के प्रगति की समीक्षा करें।
अब स्मार्ट विलेज की बात होनी चाहिए, ताकि प्राथमिकता के आधार पर सरकार की योजनाओं से गांव का विकास हो सके। भ्रष्टाचार मुक्त शासन, अंतिम व्यक्ति तक विकास की पहुँच ही वर्तमान सरकार का लक्ष्य है। अमृत सरोवर में पानी की उपलब्धता हमेशा बनी रहनी चाहिए, इसका सभी ध्यान रखें। प्रदेश में विकास से वंचित 100 पिछड़े ब्लॉकों को चिन्हित करते हुए, उनके ऊपर सरकार पूरा ध्यान देगी।
ताकि उनको भी विकास के दृष्टि में ऊपर लाया जा सके। छोटे ग्राम सभाओं में फंड की कमी की समस्या को लेकर सीडीओ, बीडीओ से उपाय सुझाने को कहा ताकि उनका भी विकास सुनिश्चित हो सके।
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उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने क्षेत्र पंचायत प्रमुखों से संवाद किया। जिसमें सोनभद्र के प्रमुखों द्वारा बजट बढ़ाने, नेटवर्क की समस्या, बालिका विद्यालय की स्थापना, दुद्धी ब्लाक प्रमुख द्वारा ब्लाक के कर्मचारियों द्वारा सहयोग न करने की बात भी रखी गयी।
मिर्जापुर के पहाड़ी ब्लाक प्रमुख द्वारा सेक्रेटरी के सहयोग न मिलने तथा ब्लाक प्रमुखों को उचित सम्मान न मिलने की बात कही गयी। बरहनी ब्लाक के प्रमुख द्वारा खाता संचालन में क्षेत्र प्रमुखों के रोल की बात भी रखी गयी। रेवतीपुर के ब्लाक प्रमुख द्वारा ब्लाक प्रमुख के अधिकार तथा उनके कार्यों के संबंध में एक कार्यशाला आयोजित करने को कहा गया।
क्षेत्र पंचायत प्रमुखों की बैठक में ब्लाक के कर्मचारियों की उपस्थिति न होने पर उनका एक दिन का वेतन काटने का भी निर्देश दिया। उन्होंने निर्देशित किया कि जलाशयों पर हुए कब्जे को हटाया जाए तथा उनके अलग-बगल खाली जमीन पर छायादार पेड़, चारागाह, खलिहान, टहलने को रैम्प बनाना सुनिश्चित करें।