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  • December 26, 2024
  • Last Update December 13, 2024 11:32 pm
  • Noida

Ballia 100 Dead Bodies Buried : उत्तर प्रदेश में दिल दहलाने वाला मामला, एक मकान में 100 लाशें दफन

Ballia 100 Dead Bodies Buried : उत्तर प्रदेश में दिल दहलाने वाला मामला, एक मकान में 100 लाशें दफन

Ballia 100 Dead Bodies Buried : भारत मूल की कनाडाई महिला की शिकायत पर डॉग स्क्वायड, फोरेंसिक एक्सपर्ट व पुलिस के साथ पहुंची मानवाधिकार की टीम

बलिया जिले में नव सृजित नगर पंचायत रतसड़ में शुक्रवार को काफी अफरा तफरी का माहौल रहा। डॉग स्क्वायड, फोरेंसिक एक्सपर्ट व पुलिस बल के साथ पहुंची मानवाधिकार आयोग की टीम ने एक मकान का घंटों निरीक्षण किया। हालांकि इस दौरान कोई विशेष साक्ष्य टीम को नहीं मिला।

बताया जाता है कि भारतीय मूल की कनाडाई नागरिक शालिनी सिंह ने राज्य मानवाधिकार में शिकायत कर गड़वार थाना के रतसड़ गांव (अब नगर पंचायत) में रिश्ते में अपने नाना स्व. धर्मात्मा सिंह के मकान में सौ लाशें दफन की बात कही है। शिकायतकर्ता के अनुसार उक्त घटना को 1990 से 1995 के बीच के मध्य अंजाम दिया गया था, जबकि वर्तमान में उन लाशों के ऊपर पेड़ लगा दिए गए हैं।

मानवाधिकार आयोग के आदेश‌ पर पहुंची थी जांच टीम
मानवाधिकार आयोग के आदेश पर पहुंची जांच टीम ने स्व. धर्मात्मा सिंह के मकान और बगीचे की गहनता से जांच की, लेकिन कोई साक्ष्य नहीं मिला। पर आरोपों के परिप्रेक्ष्य में जांच टीम पूरे दिन साक्ष्य जुटाने को परेशान रही। इस दौरान जांच टीम को धर्मात्मा सिंह की वारिस अन्नू सिंह के विरोध का सामना भी करना पड़ा।

मकान की वारिस अन्नू सिंह बोली

अन्नू सिंह के अनुसार बिना कोई नोटिस दिए मानवाधिकार आयोग एवं पुलिस टीम का घर पहुंचना और जांच करना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। कहा कि शिकायत कर्ता कोई शालिनी सिंह है, जिन्हें मैं जानती पहचानती तक नहीं हूं। उनके अनुसार वे मेरी सौतेली बहन की बेटी है। लेकिन यह तथ्य से परे है। हमने शालिनी के बारे में मानवाधिकार आयोग की टीम से भी बात की, लेकिन कोई कुछ बताना उचित नहीं समझ रहा हैं।

बतौर अन्नू शिकायत है कि मेरे घर में हंड्रेड बॉडी डंप है। जिसकी जांच करने के लिए पूरी टीम आई है। पूरे दिन जांच करने के बाद भी कहीं कुछ नहीं मिला। आरोप है की जो शिकायत कर्ती शालिनी सिंह है, वे चेहरे को ढक के रखी थीं। मैंने काफी प्रयास किया लेकिन वह चेहरे खोलने को तैयार नहीं हुई। उधर, मानवाधिकार आयोग के एएसपी अमित मिश्रा का कहना है कि मानवाधिकार आयोग के आदेश पर ये जांच कराई गई है। शीघ्र ही रिपोर्ट आयोग को सौंप दी जाएगी।

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