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  • December 26, 2024
  • Last Update December 13, 2024 11:32 pm
  • Noida

Bullet Train with 250km, दिल्ली से वाराणसी बुलेट ट्रेन दौड़ाने की तैयारी, 250 km से अधिक होगी रफ्तार

Bullet Train with 250km, दिल्ली से वाराणसी बुलेट ट्रेन दौड़ाने की तैयारी, 250 km से अधिक होगी रफ्तार

Bullet Train to run with speed of 250km, अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) में गुरुवार से तीन दिवसीय इनो रेल प्रदर्शनी का शुभारम्भ हुआ. प्रदर्शनी में 125 से अधिक रेल से सम्बंधित उत्पादों का प्रदर्शन देशी व विदेशी कंपनियां कर रही हैं. इनमें 15 विदेशी कंपनियां भी शामिल हुई हैं. इनो रेल प्रदर्शनी में नेशनल हाईस्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड का स्टॉल भी लगाया गया है. प्रदर्शनी के बारे में अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन के महानिदेशक संजीव भूटानी ने विस्तृत जानकारी दी.

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हाईस्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड स्टॉल पर मौजूद मैनेजर पब्लिक रिलेशन निशंक भानु ने बताया कि देश की राजधानी दिल्ली से वाराणसी वाया उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बीच बुलेट ट्रेन दौड़ाने की कवायद तेज हो गई है. नेशनल हाईस्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) की तरफ से रेलवे बोर्ड को डीपीआर तैयार कर भेज दिया गया है. लखनऊ रूट के लिए तीन स्थानों पर सर्वे हो चुका है.

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बुलेट ट्रेन के लिए लखनऊ में जंक्शन स्टेशन बनाने की तैयारी है. वे बताते हैं कि अहमदाबाद-मुम्बई हाईस्पीड ट्रेन के लिए 101 किलोमीटर सेक्शन बनकर तैयार हो गया है. निर्माण कार्य जारी है. साल 2026 तक इस ट्रेन का ट्रायल करने का लक्ष्य है. जिन ट्रेनों की स्पीड 250 किमी प्रति घंटे से अधिक होती है, उन्हें हाईस्पीड ट्रेनें कहते हैं. जापान में उन्हें बुलेट ट्रेन कहा जाता है, इसलिए यहां भी बुलेट ट्रेन ही चलन में है.

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अहमदाबाद-मुम्बई हाईस्पीड ट्रेन 320 किमी की रफ्तार से चलेगी. कारपोरेशन की ओर से नई दिल्ली-वाराणसी, मुम्बई-नागपुर, मुम्बई-हैदराबाद, नई दिल्ली-चंडीगढ़, वाराणसी-हावड़ा आदि रूटों पर हाईस्पीड ट्रेनों के लिए डीपीआर बनाकर रेलवे बोर्ड को भेजा गया है. रेलवे बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो दिल्ली-वाराणसी के बीच जो बुलेट ट्रेन चलाई जानी है वह लखनऊ से होकर गुजरेगी.  लखनऊ में हाईस्पीड ट्रेन के लिए जंक्शन स्टेशन का भी निर्माण होगा.

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सात वंदे भारत तैयार, 37 और का निर्माण

अभी तक वंदे भारत एक्सप्रेस का रैक इंटीग्रल कोच फैक्टरी से बनता था, लेकिन अब इसका रैक मेधा सर्वो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाएगी. कंपनी की तरफ से इनो रेल में स्टॉल भी लगाया गया है. मैनेजर मार्केटिंग जेपी शर्मा का कहना है कि पहले प्रोपल्जन व बोगी बनाने का काम कंपनी के पास था. अब रैक भी बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. पहले चरण में 44 रैक (ट्रेन सेट) बनाकर देने हैं, जिसमें सात बन चुके हैं.

ड्रोन से रेलवे ट्रैक की निगरानी

इनो रेल प्रदर्शनी में रेलवे की तरफ से ट्रैक की निगरानी को लेकर तेजी से काम चल रहा है, इसका भी प्रदर्शन किया जा रहा है. ओमनीप्रेजेंट रोबोट टेक्नोलॉजी के स्टॉल पर ऐसे-ऐसे ड्रोन हैं, जो रेलवे ट्रैक की निगरानी से लेकर नए ट्रैक को बिछाने व अन्य निर्माण कार्यों की मैपिंग व सर्वे का काम भी करते हैं.

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