भारतीय नौसेना उन्नत तकनीक को जरूरतमंद और मित्र देशों के साथ भी साझा करती है। युद्ध कौशल को निखारने के लिए संयुक्त युद्धाभ्यास भी किए जाते हैं। श्रीलंका और भारत की सेना के आपसी सहयोग की मिसाल उस समय मिली जब बुधवार को भारतीय नौसेना ने श्रीलंका को भंडार और उपकरण सौंपे। गौरतलब है कि भारत श्रीलंका के अलावा फ्रांस के साथ भी नौसैनिक सहयोग करता है। इस कड़ी में फ्रांस का एक जहाज भारत आया।
नौसेना ने एक बयान में कहा, कल (18 अक्टूबर) कोलंबो में भारतीय युद्धपोत आईएनएस ऐरावत पर पतवार निरीक्षण और परीक्षण इकाई की स्थापना की पहल की गई। इसके लिए श्रीलंकाई नौसेना को भंडार और उपकरण सौंपने का समारोह आयोजित किया गया। भारतीय नौसेना के रियर एडमिरल निर्भय बापना ने श्रीलंकाई नौसेना के डीजी इंजीनियरिंग रियर एडमिरल रवि रणसिंघे को उपकरण सौंपे।
फ्रांस के साथ भारतीय नौसेना के सैन्य सहयोग के बारे में रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी किया। फ्रांसीसी नौसेना का जहाज लैंगेडोक, एक एक्विटाइन क्लास फ्रिगेट, 13-18 अक्टूबर तक सद्भावना यात्रा पर मुंबई बंदरगाह पर था। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा, फ्रांस की नौसेना के पोत का भारत आने का मकसद भारत और फ्रांस की नौसेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाना था।
लैंगेडोक की यात्रा के साथ, हिंद महासागर (ALINDIEN) में तैनात फ्रांसीसी बलों के कमांडर, वाइस एडमिरल इमैनुएल स्लार्स भी मुंबई आए। संयुक्त टास्क फोर्स 150 (CCTF 150) के कमांडर कैप्टन यानिक बोसु भी उनके साथ मुंबई आए। पश्चिमी नौसेना में तैनात फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, वाइस एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी भारत और फ्रांस के सैन्य अधिकारियों की वार्ता के दौरान मौजूद रहे।
सेना से जुड़ी एक अन्य अहम घटना पूर्वोत्तर भारत की है। रिपोर्ट्स के अनुसार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान की मौजूदगी में सेना के तीनों अंग संयुक्त युद्धाभ्यास कर रहे हैं। रक्षा अधिकारी ने बताया कि विभिन्न परिचालन विकल्पों पर विचार-विमर्श करने और तीनों सेवाओं के बीच तालमेल बढ़ाने के मकसद से मेघालय के शिलांग में युद्धाभ्यास हो रहा है।
संयुक्त सैन्य अभ्यास के बारे में रक्षा अधिकारी ने बताया कि शिलॉन्ग के पूर्वी वायु कमान में त्रि-सेवा टेबल टॉप अभ्यास- प्रयोग-23 में अगले दो दिनों तक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के अलावा तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।