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  • July 27, 2024
  • Last Update July 25, 2024 2:05 pm
  • Noida

EWS Reservation, Supreme Court ने 10 प्रतिशत आरक्षण पर लगाई मुहर

EWS Reservation, Supreme Court ने 10 प्रतिशत आरक्षण पर लगाई मुहर

EWS Reservation, सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को दाखिले और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता पर सोमवार को अपनी मुहर लगा दी।

ईडब्ल्यूएस आरक्षण (EWS Reservation) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करनी वाली पीठ के पांच में से तीन न्यायाधीशों ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण को सही ठहराया।

प्रधान न्यायाधीश यू.यू. ललित की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ मामले की सुनवाई कर रही थी। इसमें न्यायमूर्ति ललित के अलावा न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट, न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति जे.बी. परदीवाला शामिल थे।

न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी ने अपने फैसले में कहा कि आर्थिक मापदंड को ध्यान में रखते हुए ईडब्ल्यूएस आरक्षण संविधान के बुनियादी ढांचे या समानता के अधिकार का उल्लंघन नहीं करता। उन्होंने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण कोटे की 50 प्रतिशत की सीमा सहित संविधान की किसी भी आवश्यक विशेषता को क्षति नहीं पहुंचाता, क्योंकि कोटे की सीमा पहले से ही लचीली है।

न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने न्यायमूर्ति माहेश्वरी, न्यायमूर्ति पारदीवाला के विचारों से सहमत होते हुए कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण वैध है।ने भी ईडब्ल्यूएस आरक्षण के पक्ष में फैसला सुनाया।

मुख्य न्यायाधीश यू.यू. ललित और न्यायमूर्ति भट ने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण भेदभावपूर्ण और संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन है।

सुप्रीम कोर्ट दाखिले और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले 103वें संविधान संशोधन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी।

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