Madhyanchal Vidyut Vitran Nigam Limited (MVVNL) के में पैसों की गड़बड़ी और गबन के आरोप सामने आए हैं। विभागीय जांच के बाद एमडी ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। MVVNL प्रबन्ध निदेशक ने बताया कि एक अक्टूबर, 2018 से 31-05-2022 के दौरान लगभग 56 महीनों की अवधि में विद्युत वितरण खण्ड तुलसीपुर के अन्तर्गत राजस्व धनराशि विभागीय खाते में जमा न करने पर विभागीय जांच कराई गई।
तीन दोषी अधिकारियों पर गाज, एक को सख्त चेतावनी
जांच में कई अधिकारियों/कर्मचारियों ने धनराशि का गबन किया है, ये बात सामने आई है। उत्तर प्रदेश राज्य सरकारी कर्मचारी आचरण विनियमावली-1956 के नियम-3 (1) की अवेहलना करने का दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई। एक दोषी को सख्त चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। कुल 4 लोगों को 56 महीनों की जांच के बाद दोषी पाया गया। जानिए, किन अधिकारियों पर गिरी गाज–
हीरालाल – तत्कालीन अवर अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड-तुलसीपुर, वर्तमान अवर अभियन्ता (निलंम्बित) सम्बद्ध विद्युत परीक्षण खण्ड-तुलसीपुर।
MVVNL के प्रबंध निदेशक ने हीरालाल से हुई विभागीय क्षति के 34,84,663 /- रुपये की वसूली के साथ सेवा से पदच्युति (Dismissal) जो भविष्य में नियोजन से भी निरहित करता हो, का दण्ड दिया।
महेन्द्र प्रताप सिंह, लेखाकार विद्युत वितरण खण्ड-तुलसीपुर, बलरामपुर।
पर्यवेक्षणीय कार्य में शिथिलता बरतने पर प्रतिकूल प्रविष्टि के साथ संचयी प्रभाव से दो वार्षिक वेतनवृद्धि रोके जाने का दण्ड दिया गया।
बाल कृष्ण, तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड-तुलसीपुर, वर्तमान अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड-बलरामपुर।
कर्तव्यों में घोर लापरवाही और कर्तव्यों के निर्वाहन न किये जाने पर प्रतिकूल प्रविष्टि के साथ संचयी प्रभाव से एक वार्षिक वेतनवृद्धि रोके जाने का दण्ड दिया गया।
मनोज कुमार विश्वकर्मा, अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड-तुलसीपुर, बलरामपुर को पर्यवेक्षणीय कार्य में शिथिलता बरतने पर कठोर चेतावनी दी गई।