पाकिस्तान के पास अगले चार महीनों की जरूरतों को कवर करने भर का कोयला बचा है। अगर चीनी कंपनी अपनी धमकी पर अमल करती है तो पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी होगी। इस तरह के मामले पाकिस्तान में बार-बार आ रहे।चीन और पाकिस्तान की “सदाबहार” यारी पर संकट के बादल छाए हैं।
पाकिस्तान आर्थिक से जूझ रहा और डिफॉल्टर होने से बचने के लिए लगातार चीन से कर्ज मांगता जा रहा है। लेकिन अब कर्ज वापस करने में पाकिस्तान से पसीने छूट रहे हैं। द नेशन की रिपोर्ट के अनुसार, बकाया राशि का भुगतान न करने पर कई चीनी कंपनियों ने पाकिस्तान में काम बंद करने की चेतावनी दी है। चीनी कंपनियों के इस कदम से “सदाबहार” यारी टूटने की कगार पर है। पैसों के भुगतान की समस्या लंबे समय से चली आ रही है और इसने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) पर भी बुरा असर पड़ा है।
पाकिस्तान में खनन का काम कर रही एक चीनी माइन ऑपरेटिंग कंपनी ने हाल ही में कहा कि अगर पाक सरकार ने बकाये का भुगतान नहीं किया तो उसे प्रोडक्शन में आधे से अधिक की कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। खनन कंपनी चाइना मशीनरी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (CMEC) का पाकिस्तान सरकार पर 60 मिलियन अमरीकी डालर का बकाया है।
यहां दिलचस्प बात यह है कि कंपनी अधिकांश कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को कोयला प्रदान करती है। यह कंपनी उन बिजली संयंत्रों को कोयला प्रदान करती है जो औसतन 1360 मेगावाट बिजली पैदा करते हैं।