The Kerala Story, जमीयत उलमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्र को यह निर्देश देने की मांग की है कि वह फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ की सिनेमाघरों, ओटीटी प्लेटफॉर्मो और अन्य अन्य प्लेटफॉर्म पर स्क्रीनिंग या रिलीज की अनुमति नहीं दे।
साथ ही, इस फिल्म के ट्रेलर को इंटरनेट से हटाने की मांग की है। इससे पहले मंगलवार को शीर्ष अदालत ने सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित और सनशाइन पिक्चर्स द्वारा निर्मित विवादास्पद फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था।
न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ और बी.वी. नागरत्ना ने कहा कि सेंसर बोर्ड ने पहले ही फिल्म को मंजूरी दे दी है और याचिकाकर्ताओं को फिल्म के प्रमाणीकरण को एक उपयुक्त प्राधिकरण के समक्ष चुनौती देनी चाहिए।
पीठ ने कहा कि फिल्मों के प्रदर्शन के लिए एक अलग प्रक्रिया होती है, इसलिए फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की याचिका को अभद्र भाषा के मामलों के साथ नहीं जोड़ा जा सकता।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अधिवक्ता निजाम पाशा ने पीठ से उनकी याचिका पर सुनवाई करने का अनुरोध करते हुए कहा कि फिल्म शुक्रवार को रिलीज हो जाएगी।
जमीयत द्वारा दायर याचिका में कहा गया है : यह फिल्म स्पष्ट रूप से भारत में समाज के विभिन्न वर्गो के बीच नफरत और दुश्मनी फैलाने के उद्देश्य से बनाई गई है। फिल्म यह संदेश देती है कि गैर-मुस्लिम युवतियों को उनके सहपाठियों द्वारा इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए लालच दिया जा रहा है और बाद में उनकी तस्करी पश्चिम एशिया में की जाती है, जहां उन्हें आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है।
याचिका में कहा गया है, यह फिल्म पूरे मुस्लिम समुदाय को बदनाम करती है और इसका परिणाम याचिकाकर्ताओं और पूरे मुस्लिम समुदाय के जीवन और आजीविका को खतरे में डालेगा, और यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का सीधा उल्लंघन है।