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  • July 27, 2024
  • Last Update July 25, 2024 2:05 pm
  • Noida

पंजाब का ब्यास दरिया शराब की फैक्ट्री, बीच में जंगल, किनारों पर भटि्ठयां

पंजाब का ब्यास दरिया शराब की फैक्ट्री, बीच में जंगल, किनारों पर भटि्ठयां

बॉर्डर एरिया में जहां ड्रग्स सप्लाई जाती है, वहां ब्यास दरिया के किनारों पर शराब बनाकर बेची जाती है. अवैध शराब बनाने का धंधा कुछ एक एकड़ नहीं, बल्कि 30 किलोमीटर तक फैला हुआ है, जो दसूहा के गांव बधाइयां से शुरू होकर ब्यास दरिया के साथ साथ टांडा तक जाता है. पंजाब में शराब माफिया को खत्म करने के वादे करे, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. जिले और हल्के की एक्साइज व पुलिस टीम इन इलाकों में रेड के नाम पर केवल खानापूर्ति करके चली जाती है. रेड टीम के इलाके से बाहर निकलते ही फिर से कारोबार उसी तरह से शुरू हो जाता है.

इस शराब की फैक्ट्रियों से आस-पास बसे गांवों के लोग भी काफी परेशान हैं. गांवों के लोगों की मानें तो यह शराब तस्कर हथियारों से लैस होकर अपने वाहनों में हमारे गांवों के रास्ते सरेआम शराब की तस्करी करते हैं, लेकिन पुलिस और प्रशासन सचेत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं करते है. वहीं एक्साइज विभाग की मानें तो दरिया पार करके जंगलों में शराब माफिया द्वारा लगाई गई भटि्ठयों, हजारों लीटर शराब बनाने के लिए तैयार पानी को नष्ट किया जाता है. पिछले 6 महीने के अंदर 7 लाख लीटर के करीब शराब और लाहन को नष्ट किया गया है. साथ ही 90 के करीब शराब माफिया के लोगों को नामजद करके मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं.

जानकारी के अनुसार 2200 से 2500 की आबादी वाला गांव मोजपुर अवैध शराब बनाने और बेचने का मुख्य केंद्र बना हुआ है. ब्यास दरिया से सटा होने के कारण इस गांव के लगभग 80 प्रतिशत लोग इसी धंधे से जुड़े हुए हैं. शराब को प्लास्टिक की थैलियों में भरकर 20 से 70 रुपए में बेचा जाता है। वहीं अगर कोई थोक में 20 लीटर से अधिक लेता है तो उसे 50 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से शराब दी जाती है. DIG स्वप्न शर्मा ने कहा कि मामला ध्यान में आ गया है, जल्द ही कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.

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