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  • July 27, 2024
  • Last Update July 25, 2024 2:05 pm
  • Noida

Udyami Swamlamban Yojana से बेरोजगारों को मिलेगा सुनहरा मौका

Udyami Swamlamban Yojana से बेरोजगारों को मिलेगा सुनहरा मौका

Udyami Swamlamban Yojana, यूपी सरकार किसानों को स्वावलंबी बनाने के लिए कई कार्यक्रम संचालित कर रही है। कृषि में प्रशिक्षित युवाओं की सेवाओं का उपयोग कृषक हित में करने के उद्देश्य से एग्री जंक्शन (प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलम्बन) (Trained agricultural entrepreneur self-reliance scheme) योजना का संचालन किया जा रहा है।

एग्री जंक्शन में आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित किया गया है। इच्छुक लाभार्थी अपना आवेदन पत्र उप कृषि निदेशक कार्यालय, कृषि भवन कलेक्ट्री फार्म चॉदपुर में जमा कर सकते हैं।

कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को उनके फसल उत्पादों के लिए कृषि केन्द्र (एग्री जंक्शन) के बैनर तले समस्त सुविधाये “वन स्टाप शॉप” के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही बेरोजगार कृषि स्नातकों को रोजगार का अवसर प्राप्त हो सकेगा।

उप कृषि अधिकारी एके सिंह ने का कि योजना के अंतर्गत कृषकों को प्राप्त होने वाली सुविधाओ में उच्च गुणवत्ता के बीज, उर्वरक, जैव उर्वरक, माइकोन्यूट्रियन्ट्स, वर्मी कम्पोस्ट कीटनाशक तथा जैव कीटनाशकों सहित समस्त कृषि निवेशों की आपूर्ति, लधु कृषि यन्त्रों को किराये पर उपलब्ध कराये जाएंगे । साथ ही नवीन तकनीकी का जानकारी तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर संस्तुत उर्वरक एवं खाद की संतुलित मात्रा के बारे में किसानों को जानकारी दी जाएगी।

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उनके बताया कि कृषि प्रशिक्षित उद्यमियों को कृषि व्यवसाय गतिविधियों के लिए लाइसेन्स प्राप्त करने में सहायता तथा लाइसेन्स फीस के व्यय की प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा की जाएगी, इस उद्देश्य के लिए बैंकों से ऋण प्राप्त करने में सहायता तथा 7.5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान की व्यवस्था है।

यह अनुदान बैंक की बैंक इन्डेड सब्सिडी के रूप में रखा जाएगा तथा वर्ष की समाप्ति पर ऋण के खाते में क्रेडिट कर दिया जाएगा। एक वर्ष तक के लिए परिसर किराये के 50 प्रतिशत की धनराशि जो 1000 रू प्रतिमाह से अधिक न हो, स्वतन्त्र कृषि केन्द्र व्यवसाथ की स्थापना हेतु कृषि व्यवसायियों को प्रशिक्षण प्रदान कराना हैं।

योजना के लिए योग्यता 

जनपद में निवास करने वाले स्नातक/कृषि व्यवसाय प्रबन्धन स्नातक/स्नातक जो कृषि एवं सहबद्ध विषयों यथा उद्यान, पशुपालन, वानिकी, दुग्ध, पशुचिकित्सा, मुर्गी पालन एवं इसी तरह की गतिविधियां जो किसी राज्य/केन्द्र विश्वविद्यालय या किसी अन्य विश्वविद्यालयों जो आईसीएआर/यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त हो वे सभी इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होगें।

इसके अतिरिक्त उक्त डिग्री न मिलने पर अनुभव प्राप्त डिप्लोमाधारी/कृषि विषय में इण्टरमीडिएट योग्य प्रार्थी पर विचार विमर्श किया जा सकता है। आयु 40 वर्ष से,अनुसचित जाति/जनजाति/महिलाओं को 05 वर्ष की छूट ।

योजना लागत अधिकतम रू 6 लाख, ऋण सीमा रू 5 लाख, प्रतिपूर्ति राशि रू0 1.लाख (प्रोजेक्ट लागत का 17 प्रतिशत ऋणी आवेदन द्वारा अभिदान किया जाएगा)।

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