Varanasi, पुरानी रंजिश को लेकर दलित युवक को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए मारने-पीटने के मामले में आरोपित को कोर्ट से राहत मिल गई। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) रश्मि नंदा की अदालत ने भेलूपुर थाना क्षेत्र के रानीपुर, महमूरगंज निवासी आरोपित मनोज बिंद को 50-50 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया।
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विकास सिंह व अमनदीप सिंह ने पक्ष रखा। अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मनोज कन्नौजिया ने सिगरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि वह 18 नवंबर 2018 को सिगरा थानांतर्गत माधोपुर चौराहे के समीप खड़ा था।
उसी दौरान दोपहर लगभग साढ़े 11 बजे भेलूपुर थाना क्षेत्र के रानीपुर, महमूरगंज निवासी आरोपित मनोज बिंद अपने कुछ साथियों के साथ वहां पहुंचा और पुरानी रंजिश को लेकर लाठी-डंडा व ईंट-पत्थर से उसे मारने-पीटने लगे। शोर सुनकर जब समीप में मौजूद उसके परिवार के लोग बीच-बचाव करने पहुंचे तो उन्हें भी मारपीटकर घायल कर दिया।
हमले में उसे व उसके परिवार के प्रिंस, अंकित, शुभम, संगीता, गोकुल व साहिल को काफी चोटें आई। इस बीच शोर सुनकर जब आसपास के लोग जुटने लगे तो सभी जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भाग निकले। इस मामले में पुलिस ने विवेचना के बाद आरोपित के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र प्रेषित कर दिया था।