ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विशाखापत्तनम वनडे मैच में भारतीय टीम को 10 विकेट से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. रोहित शर्मा की टीम का पूरा बैटिंग ऑर्डर धराशाही हो गया. यही वजह है कि 118 रन के छोटे लक्ष्य का बचाव करने के दौरान भारतीय टीम को वापसी का कोई मौका नहीं मिला. यह कोई पहला मौका नहीं है जब भारत की टीम इस कदर हारी हो. अगर बीते कुछ सालों में बड़े मचों पर प्रदर्शन को देखें तो भारतीय टीम की पावरप्ले में रन ना बना पाने और अधिक विकेट गंवा देने की कमजोरी खुलकर सामने आई.
विशाखापत्तनम में भी भारत ने पावरप्ले के 10 ओवरों में ही अपने पांच विकेट गंवा दिए थे. रवि शास्त्री के काचिंग के दिनों में भारत पावरप्ले में कमजोर प्रदर्शन की समस्या से जूझ रही थी. अब राहुल द्रविड़ के कार्यकाल के दौरान भी इसमें कोई परिवर्तन होता नजर नहीं आया है. आइये हम आपको बड़े मंचों पर टीम इंडिया की इस कमजोरी के बारे में बताते हैं.
टी20 विश्व कप 2022, भारत बनाम पाकिस्तान मैच: बीते साल टी20 विश्व कप में विराट कोहली के पराक्रम के चलते भारतीय टीम भले ही यह मुकाबला जीत गई हो लेकिन सच यह भी है कि पावरप्ले में भारत का हाल बुरा था. ऐसा माना जा रहा था कि भारत ने आधा मैच यहीं गंवा दिया था. 160 रनों के लक्ष्य का पीछा करने के दौरान भारत ने पावरप्ले के छह ओवरों में 31 रन देकर तीन विकेट गंवा दिए थे.
टी20 वर्ल्ड कप 2022, भारत बनाम इंग्लैंड, सेमीफाइनल: रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम को यह नॉकआउट मैच 10 विकेट से गंवाना पड़ा था. पावरप्ले के छह ओवरों में भारत ने रन तो 56 बना दिए लेकिन यहां तक पहुंचने में ही टीम के दो अहम विकेट आउट हो गए थे. जोस बटलर और एलेक्स हेल्स की अटूट साझेदारी ने भारत को वापसी का कोई मौका नहीं दिया.