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  • October 18, 2024
  • Last Update October 5, 2024 3:17 pm
  • Noida

पाकिस्तान में सियासी हलचल पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ‘सरकार को मजबूर नहीं कर सकते’

पाकिस्तान में सियासी हलचल पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ‘सरकार को मजबूर नहीं कर सकते’

पड़ोसी देश पाकिस्तान चौतरफा समस्याओं से जूझ रहा है. आर्थिक दिक्कतों के भंवर में फंसने के बाद अब वहां राजनीतिक संकट भी चरम पर पहुंच गया है. पंजाब प्रांत में चुनाव कराए जाने को लेकर सरकार और विपक्ष की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है. बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद समस्या सुलझती नजर नहीं आ रही.

इस बीच पाकिस्तान के चीफ जस्टिस (सीजेपी) उमर अता बंदियाल ने दो टूक कह दिया है कि सरकार को विपक्ष के साथ बातचीत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट उन्हें मजबूर नहीं कर सकता.

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सीजेपी बंदियाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ ने सुनवाई की. लेकिन यह सुनवाई घंटेभर भी नहीं चल पाई.

 

चीफ जस्टिस ने कहा कि हम स्पष्ट कर दें कि हम सरकार पर विपक्ष से बातचीत करने के लिए उन्हें बाध्य नहीं कर सकते. इस दौरान कोर्ट ने सरकार की गंभीरता पर भी सवाल उठाए.

जस्टिस बांदियाल ने कहा कि सरकार ने अपनी सद्भावना दिखाने के लिए क्या कदम उठाए हैं? ऐसा लगता है कि सरकार पास-पास खेल रही है. अगर सरकार बातचीत को लेकर गंभीर होती तो वह इसके लिए प्रयास भी करती.

जस्टिस बांदियाल ने कहा कि नेताओं को खुद समस्याओं का समाधान खोजना चाहिए, अगर मतभेदों को बातचीत के जरिए हल नहीं किया गया तो संविधान और चुनाव पर हमारा आदेश मौजूद है.

उन्होंने यह भी कहा कि नेताओं को समस्याओं के समाधान के लिए खुद से समाधान ढूंढने चाहिए. अदालत ने पिछली सुनवाई पर राजनीतिक दलों से 26 अप्रैल को बातचीत करने और 27 अप्रैल तक जवाब देने को कहा था. हालांकि, सरकार और विपक्ष के बीच कोई बातचीत नहीं हुई थी.

दरअसल सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पाकिस्तान चुनाव आयोग ने इस साल की शुरुआत में पंजाब प्रांत में चुनाव तारीख का ऐलान कर दिया था. वहां 14 मई को विधानसभा चुनाव की तारीख मुकर्रर की गई थी.

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बता दें कि पंजाब प्रांत में चुनाव कराने को लेकर सरकार और इमरान खान की पीटीआई पार्टी के बीच गतिरोध चल रहा है. इसी बीच अदालत ने गुरुवार को सुनवाई की थी. पीटीआई ने 14 और 18 जनवरी को पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा विधानसभाओं को भंग कर दिया था ताकि सत्तारूढ़ पीडीएम गठबंधन को देश में जल्द आम चुनाव कराने के लिए मजबूर किया जा सके.

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