IT, देश में सरकार का आईटी खर्च 2023 में 11.6 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, जो 2022 की तुलना में 10.3 प्रतिशत ज्यादा है। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। आईडीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्पादकता बढ़ाने, स्वचालन और अन्य सॉफ्टवेयर-संचालित परिवर्तन के लिए सरकार आधुनिक पहलों और डिजिटल प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है, उदाहरण के लिए, वे सुनिश्चित कर रहे हैं कि भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थान अपने नागरिकों के लिए मोबाइल-फस्र्ट अनुभव का निर्माण करें, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है।
स्थानीय रूप से, यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन फॉर न्यू-एज गवर्नेंस (उमंग) एप्लिकेशन सरकारी सेवा-वितरण अनुभव को बढ़ाने के लिए एक ही पोर्टल के माध्यम से सभी सेवाओं की पेशकश कर रहा है।
इसके अलावा, ओपन गवर्मेट डेटा प्लेटफॉर्म (ओजीडीपी) भारत में मोबाइल गवर्नेस चलाता है, जबकि इंडिया स्टैक देश की आबादी को डिजिटाइज करने के लिए एक एकीकृत प्लेटफॉर्म तैयार करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, दोनों भारतीय नागरिकों को बेहतर डिजिटल अनुभव प्रदान करने में मदद कर रहे हैं। दुनिया भर में सरकारी आईटी खर्च 2023 में 589.8 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2022 से 7.6 प्रतिशत अधिक है।
सॉफ्टवेयर इस साल सबसे ज्यादा बढ़ने वाला सेगमेंट बना रहेगा। गार्टनर की एक रिपोर्ट के अनुसार, सेवा के रूप में सॉफ्टवेयर आधारित समाधानों के दम पर एप्लिकेशन आधुनिकीकरण के क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा। सॉफ्टवेयर-ए-सर्विस-आधारित समाधान पेशकशों द्वारा समर्थित होगा।
गार्टनर की प्रमुख विश्लेषक अपेक्षा कौशिक ने कहा, मुद्रास्फीति और कर्मचारियों की कमी जैसी वैश्विक चुनौतियां और उनके स्थानीय प्रभाव उपयुक्त सेवा वितरण तंत्र और संगठनात्मक जवाबदेही के साथ जवाब देने के लिए सरकारी सीआईओ की क्षमताओं की परीक्षा ले रहे हैं।