Britain की संसदीय समिति ने अगले सप्ताह ताइवान दौरे का फैसला लिया है। समिति की ओर से मंगलवार को दी गई जानकारी में बताया गया कि इस दौरे में वे राष्ट्र साइ इंग-वेन से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा कुछ और वरिष्ठ नेताओं के साथ भी मीटिंग होगी। ताइवान के साथ स्वतंत्र देश के तौर पर रिश्ते रखे जाने का चीन विरोध करता रहा है। ऐसे में ब्रिटिश संसदीय समिति का यह दौरा एक बार फिर से ड्रैगन की चिंताएं बढ़ा सकता है। ब्रिटिश संसदीय समिति की चेयरमैन एलिसिया कीयर्न्स ने कहा कि विदेश मामलों की समिति लंबे समय से ताइवान यात्रा की योजना बना रही थी।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में लोकतांत्रिक देशों के आगे सुरक्षा और समृद्धि को लेकर चुनौतियां सामने आ रही हैं। ब्रिटेन और ताइवान के बीच अच्छे रिश्ते हैं और हम इन्हें और मजबूत एवं रचनात्मक बनाना चाहते हैं। इससे पहले अगस्त में अमेरिकी संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था, जिससे चीन काफी भड़क गया था। दोनों देशों के बीच इस स्तर तक तनाव बढ़ गया था कि अमेरिका ने नैन्सी पेलोसी के दौरे से पहले नेवी को अलर्ट कर दिया था। इसके चलते नौसेना ने ताइवान की सीमा के पास बड़ी संख्या में एयरक्राफ्ट कैरियर और विशाल प्लेन तैयार कर दिए थे।
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इसके अलावा नैन्सी पेलोसी का विमान जब ताइवान की ओर बढ़ रहा था तो उस दौरान 24 लड़ाकू विमान उन्हें कवर दे रहे थे। इसकी वजह यह थी कि चीन ने धमकी दी थी और आशंका थी कि वह उनकी यात्रा के दौरान उकसावे वाली कार्रवाई भी कर सकता है। पेलोसी की इस विजिट के चलते अमेरिका और चीन के रिश्ते लंबे समय तक खराब रहे थे। गौरतलब है कि चीन वन चाइना पॉलिसी के तहत ताइवान को अलग देश नहीं मानता है। वह ऐसे देशों का भी विरोध करता रहा है, जो ताइवान को स्वतंत्र राष्ट्र मानते हुए उससे रिश्ते रखते हैं।