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  • November 21, 2024
  • Last Update November 16, 2024 2:33 pm
  • Noida

अखिलेश-आजाद का मेल बिगाड़ेगा Mayawati का खेल? युवाओं पर छाया सियासी साया

अखिलेश-आजाद का मेल बिगाड़ेगा Mayawati का खेल? युवाओं पर छाया सियासी साया

चुनावों में लगातार हार और अब युवाओं की ओर देखने को तैयार बहुजन समाज पार्टी की कोशिशों पर सेंध लग सकती है। कहा जा रहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले Mayawati  की पार्टी युवाओं पर खास फोकस कर रही है। बसपा की ये गतिविधियां भी ऐसे समय पर हो रही हैं, जब भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भी उत्तर प्रदेश में सक्रिय हो रहे हैं। वह पूरे राज्य में युवाओं को एकजुट कर रहे हैं और उनके फोकस में दलित और मुसलमान हैं।

बसपा के राष्ट्रीय संयोजक और मयावती के भतीजे 31 वर्षीय आकाश आनंद ने 12 जनवरी को ट्वीट किया था, ‘एक मज़बूत देश बनाने और जातीय अत्याचार ख़त्म करने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। आदरणीय मायावती जी ने इसलिए मिशन की सफलता के लिए बीएसपी में 50% युवाओं की भागीदारी का आह्वान किया है। युवा ही बीएसपी और देश का भविष्य है।’ अटकलें लगाई जा रही हैं कि आगामी शहरी निकाय और लोकसभा चुनाव में बसपा टिकट देने में युवाओं को प्राथमिकता दे सकती हैं।

आजाद भी एक्टिव

खास बात है कि आजाद भी राजनीतिक रूप से खासे सक्रिय नजर आ रहे हैं। हाल ही में उन्होंने राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। साथ ही वह राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी से भी मिल चुके हैं। इसके अलावा वह रामपुर और खतौली विधानसभा उपचुनाव में सपा और रालोद उम्मीदवारों के लिए प्रचार भी कर चुके हैं।

यूपी: Mayawati का बड़ा ऐलान, हर चुनाव अकेले लड़ेंगी बसपा

हालांकि, सपा ने रामपुर गंवा दिया, लेकिन रालोद खतौली जीत गई। कहा जा रहा है कि यह बसपा के लिए संकेत हो सकते हैं कि उपचुनाव से दूर रहने पर दलितों ने रालोद का समर्थन किया और मैनपुरी में सपा के साथ गए। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में रालोद प्रमुख ने दावा किया था कि आजाद समाज पार्टी 2024 लोकसभा और 2027 यूपी चुनाव में सपा-रालोद गठबंधन का हिस्सा होगी।

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