राजस्थान के मुख्यमंत्री Ashok Gehlot नई मुश्किल में घिरते नजर आ रहे हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए तत्काल ओबीसी और पूर्व सैनिकों के आरक्षण की विसंगतियों को ठीक करने का मुद्दा उठाया है। अशोक गहलोत के वफादार रहे हरीश चौधरी ने कहा है कि पूर्व सैनिकों को मिल रहा आरक्षण ओबीसी आरक्षण को कमजोर कर रहा है। इसलिए इसे तत्काल ओबीसी कोटे से अलग किया जाना चाहिए।
हरीश चौधरी ने कहा कि वह इस बात से स्तब्ध हैं कि राज्य मंत्रिमंडल की हालिया बैठक में इस मामले पर “उचित निर्णय” नहीं लिया गया और चर्चा को टाल दिया गया।
ओबीसी समुदायों के कई सदस्यों ने अशोक गहलोत सरकार से पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान 2018 में जारी राज्य के कार्मिक विभाग की अधिसूचना को वापस लेने के लिए कहा है।
अधिसूचना में निर्देश दिया गया है कि मंत्रालयों और अधीनस्थ सेवाओं में 12.5 प्रतिशत पद भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित किए जाएं। ओबीसी समुदायों ने मांग की है कि मौजूदा व्यवस्था के बजाय पूर्व सैनिकों के लिए महिलाओं के लिए उपलब्ध आरक्षण की तर्ज पर कोटा तय किया जाए।