अपनी वायु सीमा में घुस आए चीनी गुब्बारे के साये से अमेरिका अभी निकल नहीं पाया है। देश के सियासी और मीडिया हलकों में लगातार इस घटना की चर्चा गर्म बनी हुई है। राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने गुरुवार को चीनी गुब्बारे की क्षमताओं के बारे में कुछ नई जानकारियां जारी कीं। साथ ही बताया गया कि फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (एफबीआई) गुब्बारे से संबंधित मिली कई जानकारियों का अभी विश्लेषण कर रहा है। एफबीआई अमेरिका की सर्वोच्च खुफिया और जांच एजेंसी है।
बाइडन प्रशासन ने दावा किया है कि चीन ने गुब्बारों के जरिए दुनिया भर में खुफिया सूचनाएं इकट्ठी की हैं। उधर अमेरिकी कांग्रेस (संसद) में बाइडन प्रशासन को गुब्बारे को लेकर कई कठिन प्रश्नों का सामना करना पड़ रहा है। सांसदों ने मांग की है कि गुब्बारे के बारे में मिली तमाम गोपनीय सूचनाएं उनके साथ साझा की जाएं। सांसद बार-बार यह पूछ रहे हैं कि गुब्बारे को मार गिराने में इतनी देर क्यों की गई।
बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि चीनी गुब्बारा खुफिया संकेत ग्रहण करने में सक्षम था। उसने यह भी बताया कि ऐसी क्षमता के गुब्बारे पांच महाद्वीपों में 40 से भी ज्यादा देशों के ऊपर से गुजरे हैं। बाइडेन प्रशासन इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि चीनी गुब्बारा जासूसी की इलेक्ट्रॉनिक तकनीक से लैस था। वह अमेरिका में होने वाले संचार की निगरानी करने में भी सक्षम था।
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इस बीच एफबीआई ने गुब्बारे के मिले टुकड़ों का विश्लेषण शुरू कर दिया है। अभी तक एफबीआई को जो टुकड़े मिले हैं, उनमें पेलोड नहीं है। अमेरिकी अधिकारियों का अनुमान है कि गुब्बारे पर पेलोड मौजूद था और ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक संकेत उसमें ही रिकॉर्ड हुए होंगे। लेकिन अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने दोहराया है कि इस गुब्बारे से चीन को कोई वैसी अतिरिक्त सूचना नहीं मिली होगी, जो वह अपने उपग्रहों और अन्य माध्यमों से हासिल कर लेने में सक्षम है।