China की शून्य-कोविड नीति के विरोध में रविवार को चीन के प्रमुख शहरों में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए. सड़कों पर गुस्सा प्रदर्शन कर रहे लोगों में गुस्सा देखा गया. शिंजियांग क्षेत्र की राजधानी उरुमकी में गुरुवार को एक ऊंची इमारत में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई. इससे पूरे चीन में गुस्सा फैल गया है. रविवार की रात, कम से कम 400 लोग राजधानी बीजिंग में एक नदी के किनारे कई घंटों तक जमा रहे, कुछ लोग चिल्ला रहे थे: “हम सभी झिंजियांग के लोग हैं! जाओ चीनी लोग!” घटनास्थल पर एएफपी के पत्रकारों ने बताया कि भीड़ राष्ट्रगान गा रही थी और भाषण सुन रही थी, जबकि नहर के दूसरी तरफ पुलिस की कारों की कतार लगी हुई थी.
अधिकारियों ने कारों को गुजरने से रोकने के लिए सड़क को अवरुद्ध कर दिया और और पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. लगभग 2:00 बजे (1800 GMT) वे अर्धसैनिक पुलिस के कोचों से जुड़े. आखिरकार प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों को उनकी मांगों को सुनने का वादा करने के बाद छोड़ने पर सहमति व्यक्त की. डाउनटाउन शंघाई में एएफपी ने प्रदर्शनकारियों के समूहों के साथ पुलिस की झड़प देखी, रात भर जमा हुई भीड़ — जिनमें से कुछ शी जिनपिंग के खिलाफ नारे लगा रहे थे वो रविवार सुबह तक तितर-बितर हो गए. लेकिन दोपहर में सैकड़ों लोग उसी इलाके में कागज और फूलों की खाली चादरों के साथ इकट्ठा हुए.
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एक विदेशी शख्स ने अपनी पहचान ने बताने की शर्त पर एएफपी को बताया, “ऐसा लगता है कि पुलिस विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले संदिग्ध व्यक्तियों की तलाश कर रही है.”आधी रात तक ये क्षेत्र शांत था, हालांकि सैकड़ों पुलिस अधिकारियों और कुछ स्थानों पर सड़क के दोनों किनारों पर दर्जनों कारों की कतार लगी हुई थी.
इससे पहले दिन में, लगभग 200 से 300 छात्रों ने बीजिंग के इलीट सिंघुआ विश्वविद्यालय में लॉकडाउन के विरोध में रैली की. एक वीडियो जो उसी स्थान पर लिया गया प्रतीत होता है, उसमें छात्रों को “लोकतंत्र और कानून का शासन, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” चिल्लाते हुए दिखाया गया था.