महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की गिनती भारत के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में होती है. धोनी ने सीमित ओवरों की तीनों आईसीसी ट्रोफी जीती हैं. धोनी ने न सिर्फ टीम को खिताब जितवाने में अहम भूमिका निभाई बल्कि कई खिलाड़ियों को तैयार भी किया. धोनी की कप्तानी में ही यंग टीम इंडिया ने साल 2007 का पहला टी20 वर्ल्ड कप जीता था. वहीं 2011 में भारत ने 28 साल बाद 50 ओवर वर्ल्ड कप अपने नाम किया था. साल 2013 में धोनी ने आईसीसी चैंपियंस ट्रोफी जीतकर इस तिकड़ी को पूरा किया था.
धोनी ने साल 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था. उन्होंने अपना आखिरी इंटरनैशनल मैच 2019 50 ओवर वर्ल्ड कप में खेला था. हालांकि टीम इंडिया के पूर्व फील्डिंग कोच आर. श्रीधर ने अपनी किताब में बताया है कि धोनी ने असल में इशारों-इशारों में बता दिया था कि वह अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेल चुके हैं. धोनी ने ऋषभ पंत के साथ बातचीत में इसका खुलासा किया था.
श्रीधर ने अपनी किताब में दोनों विकेटकीपर्स के बीच हुई बातचीत के बारे में बताया है. भारत और न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड कप सेमीफाइनल के रिजर्व डे पर दोनों के बीच बातचीत के बारे में श्रीधर ने बताया है.
अपनी किताब- ‘कोचिंग बियॉन्ड- माय डेज विद द इंडियन क्रिकेट टीम’ में श्रीधर ने लिखा है, ‘अब मैं खुलासा कर सकता हूं कि जब मैं एंटीगा से बीसीसीआई को इंटरव्यू दे रहा है था. मैं लगभग आश्वस्त था कि अब महेंद्र सिंह धोनी देश के लिए अपना आखिरी मैच खेल चुके हैं. उन्होंने इसकी घोषणा नहीं थी, लेकिन मैं आपको बताता हूं कि आखिर क्यों मुझे पता था. मैनचेस्टर में न्यूजीलैंड के खिलाफ हमारे वर्ल्ड कप सेमीफाइनल के रिजर्व डे पर, मैं ब्रेकफर्स्ट हॉल में पहुंचने वाला पहला शख्स था. मैं आराम-आराम से अपनी कॉफी बना रहा था तब महेंद्र सिंह धोनी और ऋषभ पंत वहां आए. अपना नाश्ता लिया और मेरे साथ आकर बैठ गए.’
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उन्होंने आगे कहा, ‘न्यूजीलैंड को बस कुछ ओवर बल्लेबाजी करनी थी और उसके बाद हमारी पारी शुरू होनी थी. तो मैच अपेक्षाकृत जल्दी समाप्त हो जाता. ऋषभ ने एमएस को हिंदी में बताया, ‘भैया, कुच लोग आज ही अपने-आप लंदन जाने का प्रोग्राम बना रहे हैं. क्या आप भी जाना चाहोगे?’ धोनी ने कहा, ‘नहीं, ऋषभ, मैं टीम के साथ अपनी आखिरी बस ड्राइव मिस नहीं करना चाहता.”
श्रीधर ने आगे कहा कि उन्होंने धोनी के सम्मान की वजह से यह बात कभी किसी के सामने नहीं की. उन्होंने कहा, ‘सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी की इज्जत की वजह से मैंने कभी किसी से इस बारे में एक शब्द नहीं कहा. उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया था. मैं अपना मुंह नहीं खोल सकता था. तो, मैंने रवि (शास्त्री) से एक शब्द नहीं कहा. अरुण (भगत) से भी कुछ नहीं बोला. यहां तक कि अपनी पत्नी को भी नहीं बताया.’