पाकिस्तान में आर्थिक संकट के कारण गरीब जनता महंगाई की मार से त्रस्त है। लेकिन इसके मंत्रियों के शौक पूरे नहीं हो रहे हैं। संकट से बचने के लिए पाकिस्तान के मंत्रियों को कई उपाय बताए गए हैं, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं है।
एक उपाय यह भी था कि मंत्री अपनी गाड़ियों को छोड़ दें। पाकिस्तानी अखबार द डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्री और सरकारी दफ्तरों को उनके खर्चों में 15 फीसदी कटौती करने को कहा गया है। पाकिस्तान को उम्मीद है कि इन उपायों से हर साल 200 अरब रुपए बचेंगे।
हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि कैबिनेट मंत्री और अन्य अधिकारी नियमित रूप से सरकारी लग्जरी SUVs का इस्तेमाल कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कैबिनेट मंत्रियों को उनकी महंगी लग्जरी कारों को वापस लौटाने के लिए तीन दिन का समय दिया गया था। इसके साथ ही सुरक्षा वाहनों के हटने की सूचना मिली है। लेकिन 30 लग्जरी गाड़ियों में से 16 अभी भी इस्तेमाल में हैं। इन उपायों को तब लागू किया गया है, जब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है। देश को आईएमएफ से 1.1 अरब डॉलर के लोन का इंतजार है।
छोटी कारों की तुलना में लग्जरी गाड़ियां ज्यादा ईंधन की खपत करती हैं। ऐसे वाहनों को ज्यादा रखरखाव की जरूरत होती है और आमतौर पर इनके ऊपर ज्यादा टैक्स लगता है। इन्हीं कारणों की वजह से पाकिस्तान सरकार ने ऐसा वाहनों के इस्तेमाल को सस्पेंड करने का फैसला किया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को अक्सर उनकी नियमित यात्रा के दौरान एक मर्सडीज बेन्ज एस क्लास में देखा जाता रहा है, लेकिन अब ऐसा नहीं है।